मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आरोपी वकील संतीश उके और प्रदीप उके को 11 अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेजा गया है. ED ने बताया कि आरोपियों से 6 दिनों तक पूछताछ की गई और पूछताछ के दौरान आरोपियों का लैपटॉप, मोबाइल जब्त किया गया. इसमें मौजूद डेटा की जांच की जा रही है. साथ ही कुछ दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
जांच के दौरान दो व्यक्तियों का नाम सामने आया है, जिन्होंने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाया था. उन्हें समन कर शुक्रवार को जांच के लिए बुलाया गया है. इस मामले में तहसीलदार को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आरोपियों ने ED की कस्टडी की मांग का विरोध किया और कहा कि 6 दिन की हिरासत में सब कुछ पूछ लिया गया है. जो कुछ था सब जब्त कर लिया गया, अब क्यों कस्टडी चाहिए.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सतीश उके और उनके भाई ने फर्जी भूमि दस्तावेज बनाकर शहर की जमीनें हड़प लीं. ईडी ने दोनों आरोपियों को 31 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें मुंबई ले जाया गया जहां एक स्थानीय अदालत ने उन्हें छह अप्रैल तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था. ईडी ने 31 मार्च 2022 को नागपुर के पार्वती नगर इलाके में वकील के आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तारियां कीं.
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