ED Notice To Hemant Soren: ‘समय-जगह बताएं, हम पूछताछ करने आएंगे’, 6 बार पेश नहीं हुए हेमंत सोरेन तो ईडी ने भेजा 7वां नोटिस
ED Letter To Hemant Soren: जमीन घोटाले के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने सातवां नोटिस भेजा है. उन्हें उनकी मन मुताबिक जगह और समय बताने को कहा है.
ED Notice To Hemant Soren: जमीन घोटाले के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें आखिरी नोटिस दिया है. इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी ने सोरेन को मनमुताबिक जगह और समय बताने को कहा है, ताकि ईडी के अधिकारी जाकर उनसे पूछताछ कर सकें.
ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए समन में कहा है कि जमीन घोटाले मामले में उनका बयान दर्ज करना बेहद जरूरी है. इसलिए ईडी उनकी मनमर्जी के मुताबिक बयान रिकॉर्ड करने के लिए तैयार है. इस मामले में ईडी उन्हें छह बार पहले भी नोटिस जारी कर चुकी है.
"पत्र को समन के रूप में देखें"
ईडी ने हेमंत को भेजे गए नोटिस में यह भी लिखा है कि इस पत्र को समन के रूप में ही देखा जाए. केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि मुख्यमंत्री सोरेन जमीन घोटाला मामले में अगले दो दिनों के भीतर अपना बयान रिकॉर्ड कराएं. ईडी ने पत्र में यह भी लिखा है कि इस पत्र को समन के रूप में ही समझा जाए.
पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बड़गाई जमीन घोटाला मामले में पूछताछ करनी है. इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करना बेहद आवश्यक है. बयान दर्ज नहीं होने की वजह से जांच प्रभावित है. ऐसे में मुख्यमंत्री को यह आखिरी मौका दिया जाता है कि वह कोई ऐसी जगह तय करें जो ईडी और उनके दोनों के लिए ही उपयुक्त हो, वहीं पर मुख्यमंत्री का बयान दर्ज किया जाएगा.
छह समन को दरकिनार कर चुके हैं सोरेन
जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के छह समन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दरकिनार कर चुके हैं. बार बार नोटिस के बावजूद वह एजेंसी के दफ्तर नहीं पहुंचे, जिसके बाद ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सातवां पत्र भेजा है. यह पत्र शुक्रवार (29 दिसंबर ) को सीएम के पास भेजा गया है. अब देखने वाली बात है कि सोरेन इसका जवाब देते हैं या नहीं.
आपको बता दें कि पूर्व में भेजे गए छह समन में प्रत्येक का सीएम ने जवाब दिया था. उन्होंने समन को दुर्भावना से प्रेरित बताया था. सीएम ने ईडी पर केंद्र के इशारे पर काम करने व लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया था.