यूपी में पीएफआई के बैंक खातों को खंगालने में जुटा ईडी, सीएए प्रदर्शन के दौरान 90 बार पैसे निकाले गए
ईडी को शक है कि सीएए प्रदर्शन के दौरान भी पीएफआई के खातो से पैसा निकाल कर लोगो को बांटा गया है.ईडी जानना चाहता है कि पीएफआई के खातों में यह पैसा किन लोगों ने जमा कराया और इस पैसे को कहां-कहां खर्च किया गया.
लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन लगभग 75 बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिनका उपयोग कथित रूप से उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा फंडिंग देने के लिए किया गया था. हाल ही में पीएफआई पर आरोप लगा है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों के लिए फंडिंग का काम कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी द्वारा प्राप्त बैंक के दस्तावेजों और सबूतों के अनुसार सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक दिन में इन खातों से कथित रूप से 90 बार पैसे निकाले गए थे.
ईडी के एक सूत्र ने दावा किया, "हम पीएफआई के सदस्यों और उनके समर्थकों के खातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान निकासी की गई है. विरोध प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने से कुछ समय पहले ही निकासी की गई थी. हम उन खातों की भी जांच कर रहे हैं, जहां इस अवधि के दौरान बड़ी रकम जमा की गई."
बैंकों के सीसीटीवी फुटेज फर भी नजर
पैसे निकालने के दिनों के विभिन्न बैंकों के सीसीटीवी फुटेज भी पीएफआई के समर्थकों की पहचान करने के लिए जुटाए जा रहे हैं. यह पहली बार है जब ईडी पीएफआई के वित्तीय पहलू की जांच कर रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर राज्य में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के लिए जिम्मेदार थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद भी शामिल है.
सिमी का एक पुनर्निर्मित संगठन है पीएफआई-डीजीपी ओ. पी. सिंह
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओ. पी. सिंह के अनुसार, पीएफआई प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का एक पुनर्निर्मित संगठन है. राज्य पुलिस की विभिन्न एजेंसियां उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पीएफआई इकाइयों और उनके समर्थकों की उपस्थिति की जांच कर रही हैं.
पीएफआई के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने दो दिन पहले एक बयान जारी किया था, जिसमें पीएफआई और सीएए विरोध के बीच कथित संबंधों से जुड़ी खबरों की निंदा की गई थी.
ईडी जानना चाहता है कि पीएफआई के बैंक खाते देश के किन-किन शहरों में है सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय जानना चाहता है कि पीएफआई के बैंक खाते देश के किन-किन शहरों में है. उनमें पिछले कुछ सालों के दौरान कितना पैसा जमा हुआ है. यह पैसा कहां-कहां से आया और यदि पैसा नकदी के तौर पर जमा हुआ है तो वह पैसा किन लोगों ने और क्यों जमा कराया. साथ ही यह भी जानना चाहता है कि जो पैसा पीएफआई के खातों से निकाला गया, वह पैसा किसकी मद में कहां पर कैसे खर्च किया गया यानी कुल मिलाकर पीएफआ ई को मिलने वाली रकम पर अपना शिकंजा कसना चाहता है.
सूत्रों के मुताबिक यदि पीएफआई के लोग ईडी अधिकारियों के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते पाते हैं तो जितनी रकम पीएफआई के खातों में आई है उसे ईडी जब्त भी कर सकता है या मुकदमा चलने तक उसे ईडी अटैच कर सकता है. ईडी यह भी जानना चाहता है कि क्या इसमें से कुछ पैसा विदेशों से आया है और अगर विदेशों से आया है वह पैसा किसने और क्यों भेजा.
ईडी को अब तक की जांच के दौरान यह पता भी चला है कि पीएफआई के दिल्ली में 3 से ज्यादा बैंक खाते हैं. इसके अलावा पीएफआई के उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों समेत केरल झारखंड और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में भी बैंक खाते बताए जाते हैं. जांच के दौरान यह पता भी चला है कि पीएफआई की कश्मीर शाखा भी है और पीएफआई के खाते से एक ऐसे शख्स को भी लाखों रुपए की रकम दी गई है जिससे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने एक मामले में चार्जशीट किया था. आने वाले दिनों में पीएफआई पर ईडी का शिकंजा और कस सकता है.
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