Patra Chawl Land Scam: पात्रा चॉल मामले में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ दायर की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने खुलासा किया कि राकेश वाधवन, सारंग वाधवन और प्रवीण राउत ने मिलीभगत कर मनी लॉन्ड्रिंग की. प्रवीण के जरिए घोटाले का पैसा सांसद संजय राउत को भी जाता था.
क्या है चार्जशीट में
- ईडी ने सप्लिमेंट्री चार्जशीट में बताया कि प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत का भरोसेमंद था इसलिेए उसे गुरु आशीष कंपनी में लाया गया.
- प्रवीण राउत को शिवसेना नेता संजय राउत के करीबी दोस्त होने के कारण इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था.
- प्रवीण राउत के पास इतनी शक्ति थी कि वो किसी भी महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकता था
- प्रवीण को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के साथ बातचीत करने के लिए रखा गया था.
- प्रवीण राउत को सभी सरकारी, सेमी गवर्नमेंट, वैधानिक और स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क करने का काम दिया गया था.
संजय राउत पर क्या आरोप हैं
- संजय राउत का करीबी होने के कारण प्रवीण राउत ने अपने हिसाब से अप्रूवल पाने और फायदे के लिए ज्यादातर म्हाडा के सरकारी अधिकारियों के साथ संपर्क किया. इसके बाद एफएसआई को डेवलपर्स को बेच दिया.
- प्रवीण राउत का गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी में 25 प्रतिशत शेयर होने के बाद भी हर काम का नियंत्रण संजय राउत के हाथ में रहा.
- प्रवीण राउत ने अपने बयान में दावा किया की पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट करीब 740 करोड़ रुपये का था और 25 प्रतिशत शेयर होने के कारण उसे 180 करोड़ रुपये मिलते.
- ईडी ने प्रोसीड्स ऑफ क्राइम के माध्यम से अनुमान लगाया कि संजय राउत को काफी पैसे मिलने वाले थे.
- जांच में यह बताया गया की संजय राउत ने इस पूरे घोटाले के दौरान संपत्ति खरीदी. इसके अलावा पैसों का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत काम के लिए भी किया.
- संजय राउत को पैसे प्रवीण राउत से मिले जो कि उसे गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने दिए थे.
- जांच में यह भी सामने आया की यह प्रोजेक्ट शुरुआत में सिर्फ 13.18 एकड़ का जो कि संजय राउत के आने के बाद बढ़कर 47 एकड़ का हो गया.
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