नई दिल्ली: पीएफआई के खातों में आए 120 करोड़ रुपए के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू कर दी है. इसके तहत ईडी ने आज पीएफआई से जुड़े 3 लोगों से पूछताछ की. ईडी को शक है कि सीएए प्रदर्शन के दौरान भी पीएफआई के खातो से पैसा निकाल कर लोगो को बांटा गया है. ईडी जानना चाहता है कि पीएफआई के खातों में यह पैसा किन लोगों ने जमा कराया और इस पैसे को कहां-कहां खर्च किया गया.


ईडी इस मामले मे कुछ लोगो की गिरफ्तारी करने के साथ साथ बैंक खातों और जायदादों को जब्त करने की कार्रवाई भी कर सकता है. पूछताछ के लिए ED ने परवेज अहमद और शाहीद अबू बकर समेत कई लोगों को बुलाया था.


सूत्रों के मुताबिक मंगलवार देर शाम ईडी की एक टीम दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में स्थित पीएफआई के ऑफिस में पहुंची, जहां पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों को पता चला कि यह ऑफिस केरल के कुछ लोगों ने किराए पर लिया हुआ है. खबर के मुताबिक इस पर अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों को पीएफआई से जुड़े पांच नोटिस तामील कराए. इसके बाद पांच लोगों से पूछताछ हुई. इन पांचों को पूछताछ के लिए ईडी के दिल्ली कार्यालय में बुलाया गया है.


ईडी सूत्रो के मुताबिक इसी तरह का पीएफआई का एक बैंक खाता नेहरू प्लेस के सिडींकेट बैक में भी है. इस खाते का नंबर है xxx101xxx865 है. इस खाते में यूनिटी हाऊस कोझीकोड केरल का पता दिया गया है. इस खाते का कोई नोमिनी नही है. इस खाते मे जिस तरह का बैंक ट्रांजेक्शन हुआ है उससे भी जांच एजेंसियो का शक पीएफआई पर गहरा हुआ है.


इस खाते से हुए ट्रांजेक्शन की बात करें तो दिसंबर 2019 में सलीमुद्दीन साढे आठ हजार रुपये, तबजील ने आठ हजार, इरफान ने 24 हजार, अमानुल्ला मोलवी ने आठ हजार, बशीर ने 12 हजार रुपये निकाले हैं. इसी तरह अरशद..अब्दुल अजीज अंसारी, शाहंजहा आदि ने भी पैसे निकाले हैं. दिलचस्प यह है कि इस बैक खाते में जो पैसे जमा किए गए वो 50 हजार के नीचे थे जैसे फरवरी 2019 मे 22200, 19500, 20 हजार आदि थे.


ईडी सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय जानना चाहता है कि पीएफआई के बैंक खाते देश के किन-किन शहरों में है. उनमें पिछले कुछ सालों के दौरान कितना पैसा जमा हुआ है. यह पैसा कहां-कहां से आया और यदि पैसा नकदी के तौर पर जमा हुआ है तो वह पैसा किन लोगों ने और क्यों जमा कराया. साथ ही यह भी जानना चाहता है कि जो पैसा पीएफआई के खातों से निकाला गया, वह पैसा किसकी मद में कहां पर कैसे खर्च किया गया यानी कुल मिलाकर पीएफआ ई को मिलने वाली रकम पर अपना शिकंजा कसना चाहता है.


सूत्रों के मुताबिक यदि पीएफआई के लोग ईडी अधिकारियों के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते पाते हैं तो जितनी रकम पीएफआई के खातों में आई है उसे ईडी जब्त भी कर सकता है या मुकदमा चलने तक उसे ईडी अटैच कर सकता है. ईडी यह भी जानना चाहता है कि क्या इसमें से कुछ पैसा विदेशों से आया है और अगर विदेशों से आया है वह पैसा किसने और क्यों भेजा.