नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की सदस्यता बुधवार को निलंबित कर दी. यह कदम तब आया जब कुछ हफ्ते पहले गिल्ड ने अपने सदस्यों की अध्यतन सूची जारी की थी और उसमें अकबर, तेजपाल और वरिष्ठ पत्रकार गौतम अधिकारी के भी नाम थे. इसके बाद मीडिया में इन लोगों को हटाने की मांग उठने लगी थी.
इस संबंध में एक बयान में कहा गया कि गिल्ड ने कार्यकारी समिति से इस बारे में विचार मांगे थे कि वर्तमान में निष्क्रिय सदस्य अकबर, इसके पूर्व अध्यक्षों में से एक तेजपाल और गौतम अधिकारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए? अकबर पर मीटू आंदोलन के तहत कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. महिलाओं ने कहा था कि अकबर ने वरिष्ठ संपादक रहने के दौरान उनका यौन शोषण किया. वहीं, तेजपाल पर बलात्कार का आरोप है और फिलहाल वह जमानत पर हैं.
आरोपों के चलते अकबर को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था
बयान में कहा गया कि कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्यों ने अकबर और तेजपाल की सदस्यता निलंबित करने का सुझाव दिया. गिल्ड के पदाधिकारियों ने कार्यकारी समिति की टिप्पणियों पर चर्चा की और इस विचार से सहमति जताई कि गिल्ड से अकबर की सदस्यता तब तक के लिए निलंबित की जानी चाहिए जब तक कि उनके द्वारा अदालत में दायर मुकदमा निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता.
अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है. गिल्ड के पदाधिकारियों ने तेजपाल की सदस्यता भी निलंबित करने का फैसला किया. गौतम अधिकारी की सदस्यता पर एडिटर्स गिल्ड ने फैसला किया कि कोई निर्णय करने से पहले वह उनका जवाब मांगेगी.
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