श्रीनगर: श्रीनगर में आतंकियों मे आज एक और अमानवीय घटना को अंजाम दिया. श्रीनगर में प्रेस कॉलोनी इलाके के पास आतंकियों ने राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी. बुखारी और उनके एक पीएसओ की मौके पर मौत हो गई जबकि दूसरे पीएसओ की अस्पताल में मौत हो गई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की निंदा की है. शुजात बुखारी के भाई सईद बसारत बुखारी महबूबा मंत्रीमंडल में मंत्री हैं.
शुजात बुखारी अपने दफ्तर से घर जा रहे उसी वक्त आतंकियों ने उनकी गाड़ी को घेर कर हमला किया. हमला श्रीनगर के लाल चौक के पास हुआ. शुजात बुखारी के परिवार से मिलने पहुंचीं सीएम महबूबा मुफ्ती घटना की निंदा करते हुए भावुक हो गईं, उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता, कुछ दिन पहले ही वो मिलने आए थे.
यह एक कायरता पूर्ण घटना: राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ''राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना हरकत है. यह कश्मीर की बौद्धिक आवाज को खत्म करने की कोशिश है. वह एक साहसिक और निडर पत्रकार थे. उनकी मौत से बेहद हैरान और दुखी हूं. बहादुर परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.''
शुजात बुखारी की हत्या पर मैं बेहद दुखी हूं: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शुजात बुखारी की हत्या निंदा की है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या से बेहद दुखी हूं. वे बहुत दिलेर इंसान थे और जम्मू कश्मीर में शांति और न्याय के लिए काम कर रहे थे. परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हें., उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.''
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने की घटना की निंदा
जम्मू कश्नमीर में 1990 से लेकर अब तक 17 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बुखारी की हत्या की निंदा है. प्रेस क्लब की ओर जारी बयान में कहा गया कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया रमजान के पवित्र महीने में शुजात बुखारी की हत्या से हैरान और दुखी है. यह दर्शाता है कि पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया भी बुखारी की हत्या की निंदा की. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान में कहा कि बुखारी संयम की आवाज और बड़े दिल वाले संपादक थे, जिन्होंने कश्मीर में युवा पत्रकारों के बड़े काडर को शिक्षा देने का काम किया. एक पत्रकार पर हमला फ्री प्रेस और जीवित लोकतंत्र की नींव को चुनौती देता है.