Kerala Governor Arif Mohammad Khan: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जब से 9 यूनीवर्सिटी के कुलपतियों का इस्तीफा मांगा है तब से बवाल मचा हुआ है. एक तरफ जहां लेफ्ट डेमोक्रेटिक फंड यानी एलडीएफ (LDF) ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है तो वहीं, केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु (R Bindu) ने कहा है कि गवर्नर के इस फैसले ने एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है.


राज्यपाल के इस फैसले की निंदा करते हुए आर बिंदु ने सवाल पूछा है कि क्या कभी किसी राज्यपाल ने इस तरह का कदम उठाया है? उन्होंने कहा, "मैं इस कदम की निंदा करती हूं. क्या देश में किसी राज्यपाल ने ऐसा कदम उठाया है? ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. इसे तो सरकारी गतिविधियों में हस्तक्षेप के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है. हमारे विश्वविद्यालय असाधारण उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं."






क्या है राजभवन के आदेश में?


केरल राजभवन के पीआरओ के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार, 24 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक इस्तीफा देने का निर्देश जारी किया है. इस बाबत उन्होंने एक पत्र जारी किया है. इस पत्र को संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रारों को भी ईमेल किया है.


वो 9 विश्वविद्यालय कौन-कौन से?


इन 9 विश्वविद्यालयों में केरल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय और थुंचथ एज़ुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (केटीयू) के कुलपति के रूप में डॉ. राजश्री एमएस की नियुक्ति रद्द कर दी थी.


ये भी पढ़ें: Kerala: ‘ड्रग्स की राजधानी’ के रूप में पंजाब की जगह ले रहा है केरल- राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान