क्या सेकेंड क्लास तक होमवर्क और स्कूल बैग के वजन से बच्चों को मिलेगी राहत? जानिए शिक्षा मंत्रालय ने क्या कहा है
नीति दस्तावेज में कहा गया है कि क्लासेस के समय को फ्लेक्सिबल बनाने की जरूरत है.9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को हर दिन दो घंटे का होमवर्क दिया जा सकता है.
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नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल बैग पर अपनी नई नीति में दूसरी कक्षा तक होमवर्क नहीं देने, स्कूलों में वजन करने वाली डिजिटल मशीनें रखने और परिसर में पीने का पानी उपलब्ध कराने जैसी सिफारिश की है. साथ में पहियों वाले स्कूल बैगों पर रोक लगाने की भी सिफारिशें की है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई सिफारिशों में क्लास एक से 10वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वजन उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में किए गए शोध अध्ययन के आधार पर स्कूल बैग के मानक वजन को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिश है और यह यूनिवर्सल तौर पर स्वीकार की जाती है.
स्कूलों को दिए गए दिशानिर्देश
स्कूलों से कहा है गया है कि वे वजन करने वाली डिजिटल मशीनें विद्यालय परिसर में रखें और नियमित तौर पर स्कूल के बैग के वजन की देखरेख करें. नीति दस्तावेज में कहा गया है कि पहिये वाले स्कूल बैग पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि सीढ़ियां चढ़ते समय यह बच्चे को घायल कर सकते हैं. उसमें कहा गया है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि जो सुविधाएं उन्हें अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए, स्कूल उन्हें पर्याप्त मात्रा और अच्छी गुणवत्ता में उपलब्ध कराएं . जैसे- मिड-डे मील, ताकि बच्चे घर से टिफिन जैसे सामान लेकर नहीं आएं.
क्लास के समय को फ्लेक्सिबल बनाने की जरूरत
नीति दस्तावेज में कहा गया है कि स्कूल या क्लास के समय को फ्लेक्सिबल बनाने की जरूरत है और बच्चों को खेल, शारीरिक शिक्षा और स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के अलावा किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय दिया जाए. नीति में कहा गया है कि दूसरी क्लास तक कोई होमवर्क नहीं दिया जाए और 9वीं से 12वीं क्लास के विद्यार्थियों को हर दिन अधिकतम दो घंटे का होमवर्क दिया जा सकता है. साथ ही कहा गया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं क्लास के स्टूडेंट्स को हफ्ते में अधिकतम दो घंटे का होमवर्क दिया जा सकता है. छठी से आठवीं क्लास के विद्यार्थियों को अधिकतम एक घंटे का होमवर्क दिया जाना चाहिए.
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