Education System: देश के लगभग 15 करोड़ बच्चे और युवा आज भी औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से वंचित हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज ये जानकारी दी. साथ ही उन्होंने बताया कि, देश में लगभग 25 करोड़ की आबादी के लिए साक्षरता व्यवस्था उनकी पहुंच से दूर बनी हुई है. धर्मेन्द्र प्रधान आज भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की वार्षिक बैठक के मौके पर आयोजित सेशन में ‘रोजगार सृजन एवं उद्यमिता’ विषय पर संबोधित कर रहे थे. जिस दौरान उन्होंने ये बात कही. 


केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, "अगर हम 3 से 22 साल के बच्चों के आंकड़े देखते हैं तो सरकारी, प्राइवेट एवं चैरिटेबल स्कूल, आंगनवाड़ी, उच्च शिक्षण संस्थानों और स्किल इकोसिस्टम से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं में पढ़ने वाले बच्चों और युवाओं की संख्या लगभग 35 करोड़ है. जबकि इस एज ग्रुप में इस समय देश की आबादी लगभग 50 करोड़ है." साथ ही उन्होंने कहा, "इस से साफ है कि 15 करोड़ बच्चे और युवा आज भी औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर हैं. हम इन सभी को वापिस अपनी शिक्षा व्यवस्था से जोड़ना चाहते हैं."


आजादी के 100 साल पूरे होने तक पाना है राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य 


शिक्षा मंत्री ने कहा कि, आजादी के बाद हुई जनगणना में ये पाया गया कि उस वक़्त कुल आबादी का 19 प्रतिशत हिस्सा साक्षर था. उन्होंने कहा कि, "आजादी के बाद के 75 साल के आंकड़ों से ये जाहिर होता है कि, देश में अब साक्षरता दर 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है. हालांकि इसका मतलब है कि अब भी देश की 20 प्रतिशत आबादी यानी लगभग 25 करोड़ लोग इस से वंचित हैं."



नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के महत्व पर बात करते हुए प्रधान ने कहा, "ये केवल एक डॉक्युमेंट नहीं हैं बल्कि अगले 25 साल यानी आजादी के 100 साल पूरे होने तक का वो लक्ष्य है जिसे हमनें हर हाल में पाना है."


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