Exclusive: मिडिल क्लास को चार साल में बहुत कुछ दिया, इस बार गरीबों-किसानों का बजट: अरुण जेटली
वित्त मंत्री ने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों को कर्ज में नहीं छोड़ सकते है, इसलिए हमें हिसाब से खर्च करना होगा. अगर देश को आगे बढ़ाना है तो ग्रामीण भारत को आगे बढ़ाना होगा.
नई दिल्ली: बजट के बाद भी लोगों के मन में इसको लेकर कई सवाल थे. आज ABP न्यूज़ से बात करते हुए खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट से जुड़े सभी अनसुलझे सवालों के जवाब दिए और उन्होंने बजट को गरीबों और किसानों का बजट करार दिया.
वित्त मंत्री ने कहा कि मिडिल क्लास को पिछले सभी बजट में काफी कुछ दे चुके हैं. मिडिल क्लास को देश के विकास में योगदान देना होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स व्यवस्था में अनुशासन जरूरी है. वित्त मंत्री से ये एक्सक्लुसिव बाचचीत की एबीपी न्यूज़ के बिजनेस एडिटर शिशिर सिन्हा ने की.
आने वाली पीढ़ियों को कर्ज में नहीं छोड़ सकते: वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने कहा, ''बजट में उतना ही खर्च कर सकते हैं जितनी कमाई हो. अगर हमेशा लोन लेते रहेंगे और देश को लोन पर चलाएंगे तो आने वाली पीढियों को कर्जे में छोड़ जाएंगे. अधिक लोन का वित्तीय स्थिति पर प्रत्यक्ष असर पड़ता है.'' वित्त मंत्री ने कहा कि अगर मेरे पास और साधन होते तो मैं राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों की गरीबी को कम करने के लिए प्रयास करता.
किसानों के लिए हमने बड़ा कदम उठाने का साहस किया: वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने कहा, ''मैं मानता हूं कि खरीफ की फसल की बुवाई से पहले ढेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य का एलान हो जाएगा. क्योंकि हम धीरे धीरे इसे बढ़ा रहे हैं. अगर देश में गरीबी और असमानता को दूर करना है तो इसकी शुरुआत किसान से करनी पड़ेगी. किसान की आय बढ़ाना एक बड़ा कदम है.''
मैंने हर बार मिडिल क्लास को कुछ ना कुछ दिया: वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने कहा, ''मेरे पांचों बजट में मिडिल क्लास को कुछ ना कुछ रिलीफ जरूर मिली है. इस बार मैंने सीधे तीन रिलीफ दिए. वेतन भोगियों को आठ हजार करोड़ दिए. पेंशनर्स को चार हजार करोड़ दिए. जिस हेल्थ योजना की बात हो रही है उसे लेकर लोगों को लगता है कि आठ हजार करोड़ में बन जाएगी. लेकिन 12 हजार करोड़ के लिए ऐसा नहीं लगता.''
गरीबों के लिए मिडिल क्लास को योगदान देना होगा एक प्रतिशत सेस लगाने के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, ''देश में अगर गरीबी दूर करनी है तो उसमें वेतन भोगी को भी कुछ योगदान करना पड़ेगा. अगर गरीबी को हेल्थ की सुविधा देनी है तो क्या मिडिल क्लास उसमें योगदान नहीं करेगा? गरीबों के हित में योगदान देना एहसान नहीं हमारी जिम्मेदारी है."
वित्त मंत्री ने बताया- मिडिल क्लास के लिए क्या किया? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ''जब मैं वित्त मंत्री बना तब टैक्स छूट की सीमा दो लाख थी. मैंने पहले बजट में बढ़ाकर ढाई लाख कर दी. ईटीसी की एक लाख सीमा थी उसे बढ़ाकर ढेड़ लाख कर दिया. हाउसिंग लोन की सीमा ढेड़ लाख थी उसे दो लाख कर दिया. पहली बार में ही तीन बड़ी राहत दीं. दूसरे साल में छोटे टैक्स पेयर के लिए सीमा तीन लाख तक की गई. ट्रांसपोर्ट अलाउंस आठ सौ से बढ़ाकर दोगुना कर दिया.''
वित्त मंत्री ने कहा, ''इस बार हम ट्रांसपोर्ट और मेडिकल के फर्जी बिल लगाने की झंझट खत्म करके 40 हजार की स्टैंडर्ड डिडक्शन लाए. ये प्राइवेट, सरकारी यहां तक कि रिटायर्ड लोगों पर भी लागू है. पिछले साल जो सबसे छोटे टैक्स पेयर की 10 प्रतिशत की ब्रैकेट थी उसे पांच प्रतिशत कर दिया, ये दुनिया में सबसे कम है.''
एक प्रतिशत सेस के सवाल पर क्या बोले वित्त मंत्री? वित्त मंत्री ने कहा, ''सेस सामाजिक उद्देश्य से लगाया गया है, इससे जो 11 हजार करोड़ आएगा वो इस देश के 40% गरीब परिवारों की हेल्थ केयर के लिए है. अगर कोई व्यक्ति दस हजार रुपये टैक्स देता है तो उस पर सिर्फ 100 रुपये सेस बना. इस 100 रुपये में अगर देश की 40% जनता को हेल्थ केयर मिलजाए तो ये सबसे अच्छी बात है.''
वित्त मंत्री ने कहा, ''वेतनभोगी क्लास इस देश का सबसे ईमानदार टैक्सपेयर है. उसके पास कटौती की कोई गुंजाइश नहीं होती. इसीलिए उस पूरे क्लास को मैं 40 हजार रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन दे रहा हूं.''
वित्त मंत्री कांग्रेस पर भी निशाना साधा एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. सीनियर सिटीजन और मिडिल क्लास को मिलने वाली राहतों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का कोई बजट बता दें जिसमें इतनी राहत दी गई हो.
सरकार महिलाओं के हित में योजनाए बनाती है: वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने कहा, 'मुद्रा योजना में सबसे ज्यादा लोन महिलाओं को मिले हैं. इनमें भी एससी-एसटी और अल्पसंख्यक महिलाएं ज्यादा हैं. हर स्कीम में महिलाओं का हित विशेष रूप से सुरक्षित होता है.''
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से बाजार को नुकसान नहीं: वित्त मंत्री बजट के बाद बाजार में हो रही गिरावट पर वित्त मंत्री ने कहा, ''लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में पिछले वर्ष की आमदनी 3.67 लाख करोड़ रुपये थी. हमने इसमें एक लाख रुपये तक कमाने वालों को छूट दी है. ये समाज के अमीरों लोगों के लिए टैक्स छूट थी. हमने 10% की रिआयती दर रखी. बाजार की ताकत अर्थ व्यवस्था की ताकत के रूप निर्भर होती है. बाजार में निवेश करने वालों को समझ आता है कि हम दुनिया की चौथी तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं.''
हेल्थ केयर योजना में पैसा सरकार देगी, इस पर काम होगा: वित्त मंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना पर वित्त मंत्री ने कहा, ''इसका पैसा सरकार देगी, इसकी डीटेल पर नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय काम करेगा. राज्य सरकारों से भी बात की जाएगी. केंद्र सरकार आम आदमी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है.''
यहां देखें वित्त मंत्री से बातचीत का पूरा वीडियो