नई दिल्ली: भारत में चूना लगाकर बीते पांच सालों में विदेश भागे विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधियों की फेहरिस्त 70 से ज़्यादा हो चुकी है. जिनको वापस लाने की कवायद सरकार कर रही है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2015 के बाद से अब तक 72 लोगों के खिलाफ बैंकों से धोखाधड़ी समेत अन्य आपराधिक जांच से जुड़े मामलों को लेकर विदेशों में भारत सरकार प्रयास कर रही है. इन लोगों के खिलाफ प्रोसीड्स ऑफ क्राइम की कार्रवाई चल रही है ताकि इन्हें पकड़कर भारत लाया जा सके.
एक सवाल के जवाब में लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री के मुरलीधरन ने बताया, "अपराध कर भागे लोगों को वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण आवेदन, रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य वैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर प्रत्यर्पण के लिए आर्थिक अपराध भगौड़ा कानून 2018 भी सरकार लगा रही है. हालांकि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जटिल होती है क्योंकि इसमें कई कानूनी पेचीदगियां होती हैं."
सबसे अहम है कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी समेत देश से भागे कई वांछित लोगों को वापस लाने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने सरकार से सम्पर्क किया किया है. हालांकि इस बीच करीब दो दर्जन आपराधिक वांछितों को विदेशों से लौटाया भी गया है. इसमें धोखाधड़ी, हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग समेत अनेक तरह के अपराधों में शामिल आरोपी शामिल हैं.
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