कोविड-19 के बीच देश भर में मनायी गयी ईद, सीमा पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स ने एक दूसरे को भेंट की मिठाइयां
महामारी संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए केवल 40 लोगों को ही एक साथ नमाज पढ़ने की अनुमति दी गयी है जिसके चलते दक्षिणी राज्य में मस्जिदों में चहल-पहल नहीं देखी गयी.
कोविड-19 महामारी के साये के बीच बुधवार को देशभर में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार मनाया गया और कोविड प्रतिबंधों के कारण सीमित संख्या में लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘’ईद मुबारक! ईद-उल-अजहा पर हार्दिक शुभकामनाएं. आज का दिन समाज की बेहतरी के लिए सामूहिक सहानुभूति, सद्भाव और समावेश की भावना को आगे बढ़ाए.’’
सीमा पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स ने भेंट की मिठाइयां
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स ने सीमा के विभिन्न स्थलों पर एक दूसरे को मिठाइयां भेंट कीं. वर्ष 2019 के बाद पहली बार दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने आपस में मिठाइयां बांटकर इस त्योहार की खुशियां साझा की हैं. केंद्र द्वारा पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने एकतरफा तरीके से त्योहारों के अवसरों पर मिठाइयों के आदान-प्रदान करने के चलन को रोक दिया था.
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच ईद के मौके पर मिठाइयों का आदान-प्रदान पंजाब के अमृतसर जिले में अटारी स्थित संयुक्त सीमा चौकी पर हुआ. यह चौकी पाकिस्तान के वाघा सीमा के सामने पड़ती है.’’ अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह मिठाइयों का आदान प्रदान दोनों देशों के बलों के बीच राजस्थान में पाकिस्तान से लगती सीमा पर भी हुआ. जम्मू में भी सीमा पर दोनों बलों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ. बीएसएफ और उसके बांग्लादेशी समकक्ष बीजीबी के बीच भी 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई स्थानों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ.
देशभर की मस्जिदों में सीमित संख्या में नमाज अदा की गई
उत्तर प्रदेश की मस्जिदों में ईद-उल-अजहा का त्योहार बुधवार को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार सीमित संख्या में नमाज अदा कर मनाया गया. कोविड महामारी के कारण ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही त्योहार मनाया. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोविड प्रोटोकॉल और सरकार के दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के नेतृत्व में लखनऊ की ऐतिहासिक ईदगाह पर 50 लोगों ने मास्क लगाकर नमाज अदा की. उन्होंने कोरोना महामारी के खात्मे और देश के विकास की दुआ मांगी.
सरकार ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि कोविड के मद्देनजर बकरीद से संबंधित किसी भी आयोजन के लिए एक निश्चित समय में 50 से अधिक लोग किसी भी स्थान पर एकत्रित न हों.
ईद के बीच कोविड प्रोटोकॉल का हुआ पालन
तमिलनाडु में लोगों ने कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज अदा की. राज्य के विभिन्न इलाकों में मस्जिदों में एवं अन्य निर्धारित स्थानों पर लोगों ने नमाज अदा की. कई श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के शीघ्र समाप्त होने और सबकी तरक्की की दुआ मांगी.
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, अन्नाद्रमुक नेता ओ पन्नीरसेल्वम एवं के. पलानीस्वामी ने बकरीद की शुभकामनाएं दी. पुडुचेरी में भी पारंपरिक रूप से बकरीद मनायी गयी. उपराज्यपाल तमिलसाई सौंदर्यराजन और मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी ने इस मौके पर लोगों को बधाई दी. केरल के कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझने के कारण सार्वजनिक समारोहों पर पाबंदियों के बीच मुस्लिम समुदाय ने अपने घरों में सादगी से बकरीद मनायी.
ईदगाहों तथा मस्जिदों में इस साल बड़ी संख्या में एकत्रित होकर लोगों ने नमाज नहीं पढ़ी क्योंकि सरकार ने इस महीने संक्रमण के मामलों में गिरावट होने के बाद भी महामारी के फिर से फैलने की आशंका के चलते सख्त पाबंदियां लागू की हुई हैं.
महामारी संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए केवल 40 लोगों को ही एक साथ नमाज पढ़ने की अनुमति दी गयी है जिसके चलते दक्षिणी राज्य में मस्जिदों में चहल-पहल नहीं देखी गयी. मस्जिदों में नमाज पढ़ते समय लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए देखा गया. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्य के लोगों को बकरीद की बधाई दी.
दिल्ली में अधिकतर लोगों ने नमाज घर में ही पढ़ी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को बकरीद की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ सभी देशवासियों को ईद-उल-अज़हा की दिल से मुबारकबाद. ये त्योहार आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशियां लेकर आए.’’
दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद आम लोगों के लिए थी बंद
बकरीद पर मस्जिदों में आमतौर पर दिखने वाली हलचल और रौनक नदारद रही. पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद भी लोगों के लिए बंद थी. भीड़ जमा न हो, इसके लिए मस्जिदों के बाहर पुलिस भी तैनात की गई थी. जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘‘ कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ने पर रोक है, केवल कुछ कर्मचारियों और उनके परिवार ने ही आज ईद-उल-अजहा की नमाज़ पढ़ी.’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘लोगों को ईद की मुबारकबाद देने के लिए पुलिस ने पोस्टर लगाए हैं और साथ ही उनसे घर पर ही परिवार के साथ त्योहार मनाने तथा सुरक्षित रहने की अपील की गई है.’’ देश के अन्य राज्यों में कोविड महामारी के कारण ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही त्योहार मनाया.