Eid al-Fitr: दुनियाभर में मुस्लिमों के बीच ईद-उल-फितर को लेकर उत्साह है. भारत में मुस्लिम समाज के लोग भी त्योहार को लेकर खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं. ईद-उल-फितर को लोग मीठी ईद के तौर पर भी जानते हैं. ईद की तारीख को चांद देखकर तय किया जाता है. रमजान के पाक महीने के खत्म होने पर ईद मनाई जाती है. रमजान के महीने में मुस्लिम लोग सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं. वहीं, इस साल मनाई जाने वाली ईद की तारीख तय हो गई है.
ईद-उल-फितर की तारीख को तय करने में सऊदी अरब की प्रमुख भूमिका होती है. सोमवार (8 अप्रैल) को सऊदी अरब में चांद नहीं दिखा, जिसके बाद देश के सुप्रीम कोर्ट ने ऐलान किया कि पूरे मुल्क में रमजान के 29वें दिन शव्वाल का चांद नहीं देखा गया है. इस तरह इस बार रमजान का महीना 30 दिनों का होगा, जो 9 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. ऐसे में सऊदी अरब में बुधवार यानी 10 अप्रैल को ईद-उल-फितर मनाया जाएगा. बाकी के खाड़ी मुल्कों में भी इसी दिन ईद होगी.
भारत में कब मनाई जाएगी ईद?
वहीं, सऊदी अरब में ईद की तारीख तय होने के बाद भारत में भी इस त्योहार की डेट की पुष्टि हो गई है. भारत में रमजान का महीना 10 अप्रैल को खत्म हो रहा है और देश में 11 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी. हालांकि, जहां भारत के अन्य राज्यों में 11 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी, वहीं एक राज्य ऐसा भी है, जहां सऊदी अरब के साथ 10 अप्रैल को ही ईद का त्योहार होगा. हम जिस राज्य की बात कर रहे हैं, वो केरल हैं, जहां लोग 10 अप्रैल को ईद की नमाज अदा करेंगे.
केरल में सऊदी अरब संग क्यों मनाई जाती है ईद?
भारत के अन्य हिस्सों की तरह केरल में 11 अप्रैल को ईद ही नहीं मनाई जाएगी. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सऊदी अरब में चांद दिखने के आधार पर ईद-उल-फितर का जश्न मनाया जाता है. नागपुर टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कोच्चि के मौलाना फजलुर रहमान के मुताबिक, "केरल में बाकी के भारत से पहले ईद मनाने के पीछे की वजह पूरी तरह से भौगोलिक है. हमारी सऊदी अरब के प्रति कोई निष्ठा नहीं है. हम उनके कैलेंडर का पालन नहीं करते."
मौलाना रहमान ने आगे बताया कि केरल एक तटीय राज्य है, जिसकी वजह से केरल में लूनर कैलेंडर के 29वें दिन चांद दिख जाता है. इसकी वजह से कभी-कभी ईद की तारीख सऊदी अरब से मेल खाती है. हालांकि, यहां यह भी जानने की जरूरत है कि सऊदी अरब में रमजान के महीने की शुरुआत होने एक दिन बाद भारत में ये पाक महीना शुरू होता है. इस तरह केरल में भी देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले एक दिन पहले ही रमजान शुरू हो जाता है.
उदाहरण के लिए इस बार भारत में रमजान की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख 12 मार्च से हुई, लेकिन सऊदी अरब में रमजान का रोजा 11 मार्च से ही रखा जाने लगा था. इसी तरह से केरल में भी लोगों ने 11 मार्च से ही रोजा रखना शुरू कर दिया था.
यह भी पढ़ें: Eid Ul Fitr 2024 Date: सऊदी में बदली ईद की तारीख, जानें भारत में कब दिखेगा शव्वाल का चांद