आज वायुसेना में शामिल होंगे 8 'अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर', किसी भी मौसम में ऑपरेशन की है क्षमता
पाकिस्तान की तरफ से प्रोक्सी वॉर झेल रहा भारत इन अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल एलओसी पर आतंकियों के लांच-पैड और ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इन अपाचे हेलीकॉप्टर्स में प्रेशियन हैलफायर मिसाइल और रॉकेट लगे हैं.
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर को आज वायुसेना में शामिल किया जाएगा.एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. ‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है. आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होंगे, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे.
2015 में कई अरबों डॉलर का हुआ था अनुबंध
आईएएफ ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था. इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे. कई अरब डॉलर का अनुबंध होने के करीब चार साल बाद ‘हिंडन एयर बेस’ में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की गई थी.
साल 2016 में जिस पठानकोट एयरबेस पर पाकिस्तान से आए आतंकियों ने बड़ा हमला किया था उसी पठानकोट पर भारतीय वायुसेना के अटैक हेलीकॉप्टर्स, अपाचे की पहली स्कॉवड्रन बनाई जा रही है. अमेरिका ने ईराक में खाड़ी के युद्ध के साथ साथ अफगानिस्तान में आतंकियों के कैंप (और गुफाओं) पर हमला करने के लिए इन अपाचे हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया है.
आतंकियों के लांच-पैड और ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं
पाकिस्तान की तरफ से प्रोक्सी वॉर झेल रहा भारत इन अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल एलओसी पर आतंकियों के लांच-पैड और ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इन अपाचे हेलीकॉप्टर्स में प्रेशियन हैलफायर मिसाइल और रॉकेट लगे हैं. एक अपाचे हेलीकॉप्टर में इस तरह की आठ (08) हैलफायर मिसाइल और 19-19 रॉकेट के दो पॉड लग सकते हैं. खास तौर से लगी कैनन-गन से एक साथ 1200 राउंड फायर किए जा सकते हैं.
किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं ये हेलीकॉप्टर्स
ये हेलीकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं. खासतौर से ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन कई सेना के ठिकानों और छावनियों पर ये हमला करने में ये सक्षम हैं. भारतीय वायुसेना नए पठानकोट स्थित अपाचे की स्कॉवड्रन को 'ग्लैडिएटर' (Gladiator) नाम दिया गया है. इस स्कॉवड्रन का मोटो है 'बलिदान वीरस्य भूषणम' यानि बलिदान ही वीरों का आभूषण होता है.
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