नई दिल्ली: बहुमत से दूर रहने के बाद भी बीजेपी ने कर्नाटक में सरकार बना ली है. येदुरप्पा सीएम बन गये हैं अब बारी बहुमत साबित करने की है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस और जेडीएस के आठ विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. बेंगलुरू के जिस इगलटन रिजॉर्ट में कांग्रेस ने अपने विधायकों रखा था, वहां की सुरक्षा हटा ली गई है.
फिलहाल कांग्रेस विधायक की सुरक्षा में पार्टी कार्यकर्ता तैयार हैं. कांग्रेस लगातार बीजेपी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है. जेडीएस ने भी बीजेपी से एक विधायक के लिए 100 करोड़ के ऑफर की बात कही है. इस सब के बीच कांग्रेस दावा कर रही है कि उसके सभी विधायक साथ हैं.
कोच्चि जाएंगे जेडीएस के विधायक
कर्नाटक में जहां एक ओर बीजेपी बहुमत के लिए आंकड़े जुटाने की कोशिश में हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को टूट से बचाने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां अपने विधायकों को रिजॉर्ट में रखा हा तो वहीं जेडीएस अपने विधायकों को कोच्चि भेजने की तैयारी में है.
राज्यपाल के फैसले का दिल्ली में विरोध
कर्नाटक में राज्यपाल के फैसले के खिलाफ अब दिल्ली में भी विरोध शुरू हो गया है. दिल्ली के विजय चौक पर कांग्रेस, एसपी, आरजेडी, टीएमसी, आम आदमी पार्टी विरोध प्रदर्शन पर बैठी. धरने में पुद्दुचेरी के सीएम वी नारायण स्वामी भी पहुंचे. दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
बिहार-गोवा में भी उठी आवाज
कर्नाटक में सियासी नाटक अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि इसकी आंच अब दूसरे राज्यों में भी पहुंचने लगी है. गोवा और बिहार में सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए न्योता देने की मांग उठी है.
गोवा में विपक्ष के नेता बाबू तवलेकर ने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा. कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक की तर्ज पर गोवा में भी सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाया जाए. गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने ट्वीट कर कहा कि दो राज्यों के लिए दो अलग अलग मानदंड क्यों? बता दें कि 40 विधायकों वाली गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं.
बिहार से भी सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देने की मांग उठी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में कल पटना में राजद का एक दिवसीय धरना होगा. हम राज्यपाल महोदय से मांग करते है कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज़ पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें. मैं भाजपा के तर्क पर यह दावा ठोंक रहा हूं.'' बता दें बिहार में आरजेडी के 80, जेडीयू के 71 और बीजेपी के 53 विधायक हैं.