हैदाराबाद शहर के साइबराबाद क्षेत्र के पुलिस कमिश्नर स्टीफेन रविंद्र ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस कर मीडिया को जानकारी दी कि तेलंगाना के मंत्री श्रीनिवास गौड़ और उनके करीबियों को हत्या करने के लिये बहुत बड़ी साजिश रची गई जिसके लिए 15 करोड़ रुपये की सुपाड़ी दी गई थी.


गुप्त सूचना के आधार पर पता चला कि मंत्री श्रीनिवास गौड़ और उनके करीबियों की हत्या की साजिश रची जा रही है. पता चला कि साजिश के तहत राघवेंद्र राजू, रवि और मधुसूदन राजू हैदाराबाद आए हुए थे. जब इनकी लोकेशन ट्रैस की गई तो पता चला कि ये तीनों तेलंगाना के पूर्व सांसद जितेंद्र रेड्डी के दिल्ली निवास में पनाह लिए हुए हैं. साइबराबाद पुलिस उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर मामले की तहकीकात कर रही है. 


बरामद हुई थी पिस्तौल


पुलिस कमिश्नर ने कहा कि राघवेंद्र राजू, रवि मधुसूदन, अमरेंद्र राजू तीनों तेलंगाना के महबूबनगर से पहले विशाखापत्तनम गए, वहां से दिल्ली में जाकर तेलंगाना के पूर्व सांसद और बीजेपी के नेता जितेंद्र रेड्डी के दिल्ली के निवास में पनाह लिए हुए थे. उन्हें पनाह देने वाले जितेंद्र रेड्डी के ड्राइवर और सांसद के पीए राजू हैं. साइबराबाद पुलिस ने दिल्ली जाकर उन्हें गिरफ्तार किया. राघवेंद्र राजू के पास से एक पिस्तौल भी बरामद की गई है.


उन्होंने कहा दुंडीगल इलाके में एक रिवॉल्वर भी बरामद हुई है. तहकीकात के बाद राघवेंद्र ने कबूला कि कैबिनेट मंत्री श्रीनिवास गौड़ की हत्या की साजिश रची गई थी. काफी जांच के बाद पता चला कि राघवेंद्र राजू सबसे पहले सुपारी देने के लिए फारुख से मिले थे.


फारुख ने सुपारी लेने से किया था मना


कमिश्नर ने कहा कि फारुख को उन्होंने इसीलिए चुना था क्योंकि उसका पहले से क्रिमिनल हिस्ट्री भी है, उसे कहा गया कि 15 करोड़ तक सुपाड़ी दी जाएगी, खुद ये हत्या को अंजाम दे या किसी और से करवाये. पुलिस ने हत्या के साजिश के आरोप में कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और रिमांड पर भेज दिया गया. दरअसल यह मामला तब बाहर आया जब फारुख ने सुपारी लेने से मना कर दिया था.


पुलिस कमिश्नर के अनुसार पेट बशिराबाद पुलिस स्टेशन इलाके में फरवरी 23 तारीख को मोहम्मद फारुख और हैदर अली हैदाराबाद के सुचित्रा इलाके में एक लॉज में ठहरे हुए थे. 25 तारीख को कुछ लोगों के साथ मिलकर नागराज इन पर चाकुओं से हमला करता है, वे दोनों वहां से किसी तरह बचकर भागने में कामयाब हो जाते हैं.


तहकीकात के दौरान साजिश का चलता है पता


फिर उसी दिन वे दोनों शाम को 5 बजे करीब पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं, पुलिस मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू की तो कई सारे राज खुलने लगते हैं. तहकीकात के दौरान पता चला कि नागराज, यादैय्या और विश्वनाद नामक तीन लोग महबूबनगर से हैदराबाद आकर कोमपल्ली इलाके में रह रहे इनपर हत्या की कोशिश करते हैं.


उसके बाद कई लोग लॉज में उनकी तलाशी करते हैं, पुलिस उन्हें 26 तारीख को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज देती है. तहकीकात के दौरान मंत्री की हत्या की साजिश का पता चलता है. जिसमें नागराज कहता है कि राघवेंद्र राजू अपने लोगों के साथ मिलकर एक बहुत बड़ी हत्या की साजिश रच रहा है.


दिल्ली से किये गये गिरफ्तार


इसके कुछ सबूत भी मिले, आगे की जांच के बाद पता चला कि राघवेंद्र राजू, मुन्डुर रवि और मधुसूदन राजू तीनों दिल्ली में पनाह लिए हुए हैं. तहकीकात में पता चला है कि पूर्व सांसद और बीजेपी नेता जितेंद्र रेड्डी के सर्वेन्ट क्वार्टर में पनाह लिए हुए हैं, उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर हैदाराबाद लाया गया और तहकीकात के बाद हत्या की साजिश की परतें खुलने लगी.


पुलिस ये तहकीकात कर रही है कि हत्या के साजिश के पीछे कौन हैं, पूर्व सांसद और बीजेपी के नेता जितेंद्र रेड्डी के मकान में क्या कर रहे थे, उनका इसमें हाथ है कि नहीं इसकी जांच की जा रही है. तेलंगाना के पूर्व मंत्री और बीजेपी की महिला नेता डी के अरुणा के लोगों पर भी शक की सुई जा रही है. बीजेपी के नेता जितेंद्र रेड्डी और अरुणा इस मामले को फर्जी बताया और हाई कोर्ट का सहारा लेने की बात कही.


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