मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी के सीनियर नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद खडसे ने कहा कि उनकी इच्छ पार्टी छोड़ने की नहीं थी. लेकिन देवेंद्र फडणवीस की वजह से उन्हें पार्टी को छोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि पार्टी के सीनियर नेताओं से भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई.


एकनाथ खडसे ने कहा, “40 साल पार्टी के लिए काम किया उस दौर से काम किया है जब लोग हमें पत्थर मारते थे. लेकिन हमने मेहनत की और सरकार आई और फिर हमने मेहनत की उसके बाद हमें मंत्री बनाया लेकिन वो हमारी मेहनत थी.”


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “विधानसभा में जब मुझ पर आरोप लगा उस वक्त एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने मेरी जांच की मांग नहीं की. क्योंकि उन्हें पता था कि मैं सही हूं. यह फंसा रहे हैं. 4 साल से घर पर हूं. एंटीकरप्शन की जांच कराई गयी. एक महिला के विनय भंग का आरोप लगाया गया. जब मैंने डीसीपी से पूछा तो उसने बोला क्या करे सीएम साहब ने कहा है. मैंने जब पूछा कि झूठा आरोप क्यूं लगाया, इस पर कहते हैं कि वो महिला हंगामा कर रही है. इस तरह से मुझ पर एक व्यक्ति आरोप करवा रहा हैं.”

एकनाथ खडसे ने आगे कहा, “मेरी इच्छा नहीं थी पार्टी छोड़ने की. लेकिन एक व्यक्ति की वजह से छोड़ना पड़ रहा है. इसकी शिकायत की मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से की. वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो मैंने फैसला लिया पार्टी छोड़ने का.”


महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष का बयान?


खडसे के इस्तीफे पर महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उन्हें इस्तीफ़ा देने की जरूरत नहीं थी. हमने कई बार कहा कि आप हमारे नेता हैं लेकिन उन्होंने अब जो फैसला लिया है उनको नई पारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं.


चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “एकनाथ खडसे के जाने से पार्टी को नुक़सान होगा. मैंने लगातार प्रयास किया कि खडसे पार्टी ना छोड़े. देवेंद्र फडणवीस पर जो आरोप खडसे ने लगाए हैं उसके उत्तर फडणवीस पहले ही दे चुके हैं.”


पाटिल ने आगे कहा, “खडसे ने कल जयंत पाटिल के ट्वीट को रिट्वीट किया. उसके बाद मेरी उनकी बात हुई जिसके बाद उन्होंने उसे डिलीट किया. इसलिए लगा था कि शायद वो ऐसा फैसला नहीं लेंगे. लेकिन उन्होंने थोड़ी देर पहले अपना इस्तीफ़ा भेजा है.”


राहुल गांधी ने कहा- चीन ने भारत की 1200 वर्ग किमी जमीन पर किया कब्जा, फिर भी एक शब्द क्यों नहीं बोलते PM?