Shiv Sena News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट ने शिवसेना के धनुष और तीर के चुनाव चिन्ह पर दावा किया हुआ है. जिसके लिए चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के गुट से शनिवार दोपहर 2 बजे तक जवाब देने को कहा है. चुनाव आयोग ने पहले दोनों गुटों से 7 अक्टूबर तक अपनी बात रखने और लिखित बयान देने को कहा था ताकि मामले की सुनवाई शुरू की जा सके.


शिंदे गुट ने 4 अक्टूबर को एक पत्र में, चुनाव आयोग से उसकी चुनाव चिह्न वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने और 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व सीट के उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया ताकि चुनाव चिह्न के दुरुपयोग से बचा जा सके. इस साल मई में शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. शिंदे गुट ने शिवसेना का चुनाव निशान धनुष बाण उनको दिए जाने की मांग की है. 


क्या है शिंदे गुट का दावा?


शिंदे खेमे का दावा है कि शिवसेना के अधिकांश सदस्यों का समर्थन उन्हें प्राप्त है. ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास बहुमत का समर्थन नहीं है और इसलिए उसने अभी तक कोई दस्तावेज जमा नहीं किया है. शिवसेना में बगावत के बाद से ही असली शिवसेना को लेकर विवाद चल रहा है. एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुट, दोनों ही खुद को असली शिवसेना बता रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग की सुनवाई महत्वपूर्ण है क्योंकि ये तय करेगी कि किस गुट को 'धनुष और तीर' का चिन्ह मिलेगा और इस तरह से उसे असली सेना के रूप में पहचाना जाएगा. 


क्या चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर लगेगी रोक?


चुनाव आयोग से अनुरोध करने वाले शिंदे गुट के इस कदम को चुनाव के दौरान ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) को चुनाव चिह्न का उपयोग करने से रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. अगर अंधेरी (ई) उपचुनाव से पहले चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाती है, तो यह ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए एक बड़ा झटका होगा क्योंकि उन्हें फिर अलग चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ना होगा. 


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