Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे के मंत्री का फरमान- फोन पर 'हैलो' नहीं, 'वंदे मातरम' बोला जाए, रजा एकेडमी ने जताया एतराज
Maharashtra News: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के नए मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों से फोन पर 'हेलो' के बजाय 'वंदे मातरम' बोलने के लिए कहा है, जिस पर अब विवाद गरमाने लगा है.
Hello and Vande Mataram Row: एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार में सांस्कृतिक मंत्री बने सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) के 'वंदे मातरम' (Vande Mataram) वाले फरमान को लेकर विवाद बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. मुस्लिम संगठन रजा एकेडमी (Raza Academy) की तरफ से मुनगंटीवार के फरमान पर आपत्ति जताई गई है. रजा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी (Muhammad Saeed Noori) ने कहा, ''हमारे लिए सिर्फ अल्लाह पूजनीय हैं. हम सिर्फ अल्लाह को पूजते हैं. कोई दूसरा विकल्प दीजिए जो सभी को मान्य हो. इस संदर्भ में हम उलेमाओं और संबंधित व्यक्तियों के साथ चर्चा कर सरकार को पत्र लिखेंगे.''
राज्य के सांस्कृतिक मंत्री मुनगंटीवार के तरफ से यह कहा गया था कि राज्य में सरकारी कर्मचारी (Government Employees) अब फोन पर 'हैलो' (Hello) के बदले 'वंदे मातरम' बोलेंगे. मुनगंटीवार ने कहा कि इसे लेकर आधिकारिक सरकारी आदेश 18 अगस्त तक आ जाएगा.
आखिर वंदे मातरम ही क्यों?
'हैलो' के बजाय 'वंदे मातरम' बोलने के पीछे सांस्कृतिक मंत्री के तरफ से यह तर्क दिया गया कि ''हैलो' शब्द गुलामी के दिनों की याद दिलाता है. उन्होंने कहा, ''आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मैं चाहता हूं कि आप लोग 'हैलो' शब्द का त्याग कर 'वंदे मातरम' बोलें. 'वंदे मातरम' सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि हर भारतीय की भावना है.''
राज्य में हाल में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था. कल यानी रविवार के दिन राज्य के 20 मंत्रियों को उनका विभाग सौंपा गया. इसी दौरान सुधीर मुनगंटीवार को वन, मत्स्य पालन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग दिए गए. सांस्कृतिक मंत्री बनने के तुरंत बाद ही मुनगंटीवार ने यह नया फरमान जारी कर दिया.
सुधीर मुनगंटीवार के 'वंदे मातरम' वाले फरमान पर विपक्ष ने क्या कहा?
राज्य में विपक्ष के नेता अजित पवार से जब 'वंदे मातरम' को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बातचीत से पहले 'जय महाराष्ट्र'बोला जाता था. मौजूदा सरकार शिंदे सरकार है, जो बहुमत की सरकार है. पार्टी अपनी विचारधारा के मुताबिक नियम बनाती है, इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
'वंदे मातरम' वाले फरमान को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी जवाब आया है. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप की तरफ से कहा गया कि पहले भी जब कोई फोन आता था तो लोग 'जय हिंद' बोला करते थे, 'वंदे मातरम' को लेकर कोई भी आपत्ति नहीं है, फैसले का स्वागत है लेकिन अगर यह फैसला अधिवेशन में लिया जाता तो और अच्छा होता, वंदे मातरम का विरोध नहीं है.
मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सप्रा ने कहा कि 'वंदे मातरम' को लेकर कोई दिक्कत नहीं तो है लेकिन यह सब महज टीआरपी हासिल करने के लिए किया जा रहा है, पब्लिसिटी स्टंट है. सप्रा ने कहा कि बीजेपी ने फिर एक बार अपना फर्जी राष्ट्रवाद अलग तरीके से दर्शाने की कोशिश की है.
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