Maharashtra Assembly: महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सरकार ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण (Floor Test) पास कर लिया है. फ्लोर टेस्ट के दौरान एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े. विपक्ष में 99 वोट मिले. वोटिंग के दौरान उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को झटका देते हुए उनके दो विधायकों (एक शिवसेना का तो दूसरा छोटे दल का विधायक) ने शिंटे सरकार के पक्ष में वोट डाला. 


उद्धव ठाकरे खेमे के एक विधायक ने एकनाथ शिंदे के समर्थन में वोटिंग की. जिस समय शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार के पक्ष में वोटिंग की तब उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों ने ED-ED के नारे लगाए. शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार के समर्थन में वोट किया. संतोष बांगड़ आज ही उद्धव ठाकरे का दामन छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हुए हैं. विधायक संतोष बांगड़ ने कुछ दिन पहले ही अपने ट्विटर अकाउंट पर उद्धव ठाकरे के समर्थन में रोते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था. लेकिन आज विश्वासमत के दौरान उन्होंने शिंदे के पक्ष के वोट किया. 


विपक्षी विधायकों ने लगाए ED-ED के नारे


आज महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वासमत के दौरान विपक्ष में एक बार टूट साफ देखने को मिली. महाविकास अघाड़ी खेमे के प्रताप सरनाइक ने भी विश्वासमत के दौरान एकनाथ शिंदे का समर्थन किया. प्रताप सरनाइक ने जैसे ही शिंदे सरकार के पक्ष में वोट डाला तो इसपर उद्धव गुट के विधायकों ने ED-ED के नारे लगाए. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय इन दिनों प्रताप सरनाइक से मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में पूछताछ कर रहा है. 


एक दिन पहले भी विधानसभा में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला था. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को लेकर वोटिंग की गई थी. वोटिंग के दौरान जब एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना विधायक यामिनी यशवंत जाधव ने स्पीकर के चुनाव के लिए अपना वोट डाला तो सदन में मौजूद विपक्षी विधायकों ने जमकर ED-ED की हूटिंग की. यामिनी यशवंत के पति यशवंत जाधव शिवसेना नेता और बीएमसी की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यशवंत जाधव विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के कथित उल्लंघन के मामले में ईडी की जांच की रडार पर हैं.   


बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने विश्वासमत के दौरान 164 वोट पाकर शक्ति परीक्षण जीत लिया है. विश्वासमत हासिल करने के साथ ही उनकी सरकार का बहुमत साबित हो चुका है. इसके बाद अब महाराष्ट्र में बतौर मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हो गई है.


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