Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है. सत्ता के शीर्ष पर 'बादशाह' के तौर पर बैठे उद्धव (Uddhav Thackeray) की बादशाहत दांव पर है. सियासत की शतरंज पर हर बाजी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) चल रहे हैं. उनकी चाल के आगे महाराष्ट्र (Maharashtra) की पूरी राजनीति बदलती हुई दिखाई दे रही है. सत्ता के खेल को उनकी एक तस्वीर बयां कर रही है. इस तस्वीर में एकनाथ शिंदे शतरंज (Chess) खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं. तस्वीर इसीलिए भी खास हो गई है, क्योंकि महाराष्ट्र की सियासत में भी इस समय शह-मात का खेल चल रहा है.
एकनाथ शिंदे ने बगावत करके महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार की राह में कांटे बो दिए हैं. इसकी शुरूआत हुई महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद से. तब से महाराष्ट्र की सियासत में जो भूचाल आया है, उसे समेट पाना उद्धव ठाकरे के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है. दरअसल, बीते को मंगलवार एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी. शिंदे कई शिवसेना विधायकों के साथ मुंबई से सीधे गुजरात के सूरत के होटल पहुंच गए. जैसे ही ये खबर सामने आई तो महाराष्ट्र सरकार में हलचल मच गई और इसके बाद महाराष्ट्र की सियासी बिसात पर चालें शुरू हो गई.
शिंदे की बगावत, शिवसेना ने दिखाए तेवर
शिवसेना ने विधायकों को जबरन उठाने का आरोप लगाया तो वहीं शिंदे ने बताया कि ये बगावत है. इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्य दलों की बैठकों का दौरा शुरू हो गया और बागी विधायकों को सूरत से गुवाहाटी भेज दिया गया. शिंदे की बगावत पर शुरूआत में शिवसेना ने तेवर दिखाए. शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को पहले विधायक दल के नेता के पद से हटाया और फिर शिंदे सहित बाकी विधायकों की सदस्यता रद्द करवाने की चेतावनी भी दी.
सीएम ने सरकारी आवास किया खाली
वहीं इसी बीच शिंदे के गुट से विधायकों का जुड़ना जारी रहा. एकनाथ शिंदे ने इसके बाद खुद को असली शिवसेना बताते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी. साथ ही उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के सामने एमवीए से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने की शर्त भी रख दी. इस एलान का ऐसा असर हुआ कि खुद सीएम उद्धव ठाकरे को सामने आकर बयान देना पड़ा. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया और कहा कि अगर मेरे अपने मेरे साथ नहीं हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. शिंदे मेरे पास आएं और मेरा इस्तीफा ले लें. इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ सरकारी आवास वर्षा बंगला खाली कर दिया और मातोश्री चले गए.
संजय राउत भी नरम पड़ते आए नजर
वहीं बागी गुट को शुरू से ही तेवर दिखा रहे शिवसेना सांसद संजय राउत भी आज नरम पड़ते नजर आए. सारी कोशिशें और हर तरह के बयान देने के बाद आखिर में संजय राउत ने एमवीए से बाहर निकलने तक के लिए हामी भर दी. उन्होंने कहा कि विधायकों को गुवाहाटी से संवाद नहीं करना चाहिए, वे वापस मुंबई आएं और सीएम से इस सब पर चर्चा करें. विधायकों की इच्छा होने पर एमवीए से बाहर निकलने पर विचार करने के लिए तैयार हैं.
सीएम की बैठक में 13 विधायक, शिंदे के साथ 42
शिंदे की बगावत का असर ये हुआ कि आज जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक की तो इस बैठक में मात्र 13 विधायक ही पहुंचे. वहीं शिंदे ने गुवाहाटी से विधायकों के साथ एक वीडियो भी जारी किया और दावा किया कि उन्हें 49 विधायकों का समर्थन मिल चुका है. शिवसेना के 42 विधायक और 7 निर्दलीय विधायक उनके साथ मौजूद हैं.
शिंदे ने रखी अब ये शर्त
वहीं संजय राउत (Sanjay Raut) के एमवीए (MVA) से बाहर आने के ऑफर पर शिंदे (Eknath Shinde) ने फिर अपनी चाल चल दी. उन्होंने ये शर्त रखी कि मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) इस्तीफा देते हैं और महा विकास अघाड़ी से बाहर आते हैं तभी आगे की बात होगी. हम उद्धव की बातों पर विश्वास नहीं कर सकते. अब देखना होगा कि शह-मात का ये खेल और कितनी देर जारी रहता है और कब तक उद्धव ठाकरे सत्ता के शीर्ष पर बने रहेंगे.
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