Maharashtra Political Crisis: बागी एकनाथ शिंदे बोले- 'शिवसेना को MVA के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं'
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना के असंतुष्ट विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि विधायक दल में बागी गुट के पास दो तिहाई बहुमत है और उन्होंने एकनाथ शिंदे को अपना नेता नियुक्त किया है.
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना (Shiv Sena) के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवसैनिको को किया संबोधित करते हुए एक ट्वीट में दावा किया कि वह शिवेसना को महाराष्ट्र विकास अघाडी के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, “अच्छी तरह से समझें, एम.वी.ए. के खेल को पहचानो..! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को एमवीए के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं. यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के लाभ के लिए समर्पित है. आपका एकनाथ संभाजी शिंदे.”
इससे पहले शिवसेना के असंतुष्ट विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि विधायक दल में बागी गुट के पास दो तिहाई बहुमत है और उन्होंने महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे को अपना नेता नियुक्त किया है.
प्रिय शिवसैनिकांनो,
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 25, 2022
नीट समजून घ्या, म.वि.आ. चा खेळ ओळखा..! MVA च्या अजगराच्या विळख्यातून शिवसेना व शिवसैनिकांना सोडवण्यासाठीच मी लढत आहे. हा लढा तुम्हा शिवसैनिकांच्या हिता करीता समर्पित.... आपला एकनाथ संभाजी शिंदे.#MiShivsainik
असम में डेरा डाले हुए है बागी गुट
बता दें शिंदे और अन्य बागी विधायक असम के गुवाहाटी शहर में डेरा डाले हुए हैं जिनकी बगावत से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. गुवाहाटी से एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसरकर ने कहा कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है, लेकिन अपने समूह का नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखा है.
केसरकर ने कहा कि सिर्फ 16 या 17 लोग 55 विधायकों के समूह के नेता को नहीं बदल सकते हैं और शिवसेना का बागी गुट शिंदे को शिवसेना समूह के नेता के रूप में बदलने के महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के आदेश को अदालत में चुनौती देगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या शिंदे समूह महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार से समर्थन वापस लेगा, केसरकर ने कहा, ‘‘हमें समर्थन क्यों वापस लेना चाहिए? हम शिवसेना हैं. हमने पार्टी को हाईजैक नहीं किया है, एनसीपी और कांग्रेस ने इसे हाईजैक कर लिया है.’’
'हमें उस पार्टी के साथ रहना चाहिए जिसके साथ हमने चुनाव लड़ा था'
केसरकर ने कहा, ‘‘विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से कहा था कि हमें उस पार्टी के साथ रहना चाहिए जिसके साथ हमने चुनाव लड़ा था.. जब इतने सारे लोग एक ही राय व्यक्त करते हैं, तो उसमें कुछ ठोस होना चाहिए.’’
वह शिंदे समूह की उस शुरुआती मांग का संदर्भ दे रहे थे कि शिवसेना को बीजेपी (BJP) के साथ अपना गठबंधन फिर से शुरू करना चाहिए और कांग्रेस (Congress) तथा एनसीपी (NCP) से संबंध तोड़ लेना चाहिए.
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