मुंबई के एक बुजुर्ग ऑटो चालक  का अपनी पोती को पढ़ाने का दृढसंकल्प हर किसी का ध्यान खींच रहा है.तमाम मुश्किलों का सामना कर रहे इस बुजुर्ग की कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. बुजुर्ग के दो बेटों की मौत हो चुकी हैं, और उनके बच्चों की जिम्मेदारी 74 वर्षीय बुजुर्ग पर ही है. बता दें कि सीमित संसाधनों के कारण, 74 वर्षीय देशराज ने पोती की पढ़ाई पूरी कराने के लिए अपने घर को बेच दिया ताकि वह पोती के शिक्षक बनने के सपने को पूरा करने में मदद कर सकें.


 वहीं एक दादा के अपनी पोती के लिए प्यार देखकर कई लोग इस बुजुर्ग की मदद के लिए आगे आए हैं. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद क्राउडफंडिंग पहल के माध्यम से 24 लाख रुपये इक्ट्ठा किए गए हैं और इन रुपयों का चेक ऑटो चालक को सौंप दिया गया है.


बुजुर्ग ने पोती की शिक्षा के लिए बेच दिया था घर


'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' पेज बुजुर्ग देशराज की कहानी को सबके सामने लेकर आया है.  बुजुर्ग ने पोस्ट में कहा कि उन्होंने अपनी पोती की शिक्षा के लिए अपना घर बेच दिया था इस वजह से उन्हें अपने ऑटो में रहना पड़ रहा है. उनकी कहानी ने हजारों लोगों को भावुक कर दिया और उनकी मदद के लिए फंड जुटाया गया.


फंड से 24 लाख इकट्ठा किए गए


बुजुर्ग की मदद के लिए 20 लाख रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कई लोगों ने बुजुर्ग की सहायता के लिए दिल खोलकर दान किया और इस तरह 24 लाख रुपये इक्ट्ठा हो गए. अब 24 लाख का चेक देशराज को सौंपा गया है ताकि वह एक घर खरीद सकें.


 ह्यूमन बॉम्बे ने खबर को पावरी ट्विस्ट के साथ फैंस से शेयर की


ड्राइवर के संघर्ष और बलिदान पर लोगों का ध्यान आकर्षित कराने वाले ह्यूमन बॉम्बे ने इस खबर को अपने फैंस के साथ शेयर किया है कि बुजुर्ग देशराज के लिए फंड के जरिए 24 लाख जुटा लिए गए हैं, साथ ही कुछ  कुछ 'पावरी' ट्विस्ट भी जोड़े हैं. ह्यूमन बॉम्बे द्वारा अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किए गए रील वीडियो में, बुजुर्ग ड्राइवर यह कहते हुए दिखाई देते हैं, "ये मैं हूं, देशराज, ये मेरा ऑटो और हमरी पार्टी हो रही है. ” वीडियो के अंत में बुजुर्ग को चेक स्वीकार करते हुए भी दिखाया गया है.


वहीं ह्यूमन बॉम्बे ने अपने पेज पर लिखा है, “देशराज जी को जो समर्थन मिला है वह अपार है! क्योंकि आप सभी उनकी मदद करने के लिए आगे आए, अब उनके सिर पर छत है, और वह अपनी पोती को शिक्षित कर पाएंगे! आपको बहुत बहुत धन्यवाद.”






सोशल मीडिया पर लोग जाहिर कर रहे हैं खुशी


वहीं जब लोगों को ये बात पता चली की देशराज को 24 लाख का चेक सौंपा गया है तो सोशल मीडिया पर भी लोग खुशी जाहिर करने लगे. कुछ लोगों ने कमेंट किया कि अब देशराज के सिर पर छत होगी.


बुजुर्ग देशराज सात सदस्यों के परिवार को पाल रहे हैं


बता दें कि बुजुर्ग देशराज के दो बेटों की मौत हो चुकी है और वह उनकी पत्नी और बच्चों को किसी तरह ऑटो चलाकर पाल रहे हैं. उनके परिवार में सात सदस्य हैं. वे मुंबई में सारा दिन ऑटो चलाते हैं तब जाकर महीने में 10 हजार रुपये कमा पाते हैं. लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद वे मुस्कुराते हुए अपनी पोती के टीचर बनने के सपने को पूरा करना चाहते हैं. उनकी यही बात कई दिलों को छू गई है.


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