कोरोना टेस्ट के बिना अस्पताल ने मरीज को भर्ती करने से किया इंकार, बुजुर्ग ने सड़क पर तड़पकर तोड़ा दम
ठाणे के वागले एस्टेट शिवाजी नगर में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग को तेज बुखार हुआ था. ठाणे के शिवाजी महाराज अस्पताल और सरकारी अस्पताल ने कोरोना टेस्ट के बिना इलाज करने से मना कर दिया.
मुंबईः कोरोना के कहर की वजह से अब इंसानियत भी शर्मसार होती नजर आ रही है. जिसका जीता जागता एक उदाहरण मुंबई से सटे ठाणे शहर में देखने को मिला है. यहां इलाज के अभाव में एक बुजुर्ग की सड़क पर तड़प तड़पकर मौत हो गई. अस्पताल ने उस बुजुर्ग को भर्ती करने से ये कहकर इंकार कर दिया क्योंकि मरीज का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ था.
दरअसल बीते सोमवार ठाणे के वागले एस्टेट शिवाजी नगर में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग को तेज बुखार हुआ था. बुजुर्ग की बेटी अपने पिता को लेकर पहले ठाणे के शिवाजी महाराज अस्पताल फिर ठाणे के सरकारी अस्पताल इलाज कराने गई थी. वहीं मरीज का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ कहकर दोनों अस्पतालों ने मरीज को यह कहकर भर्ती करने से मना कर दिया था.
इसके बाद बुखार से पीड़ित पिता को लेकर उसकी बेटी घर आई लेकिन बुखार लगातार तेज होने की वजह से वह अपने बीमार पिता को लेकर फिर घर से अस्पताल के लिए निकली. वहीं एंबुलेंस में किसी चिकत्सा कर्मचारी के ना होने और ड्राइवर के पास PPE किट ना होने की वजह से उसने भी बीमार बुजुर्ग को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने से इंकार कर दिया.
बुजुर्ग मरीज की यह हालत देखकर तमाम लोग सड़क पर तमाशबीन बने खड़े रहे. जिसके बाद मदद ना मिलने की वजह से बीमार 60 वर्षीय बुजुर्ग ने सड़क पर ही तड़प कर दम तोड़ दिया.
इस अमानवीय घटना की चर्चा जब ठाणे शहर में शुरू हुई तो प्रशासन की आंख खुली और ठाणे महानगरपालिका ने इस घटना को संज्ञान में लिया ठाणे महानगरपालिका के उपायुक्त संदीप मालवीय ने अब इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का करने की बात कही है.
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