(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Election Dates 2021: 8 चरण, 824 सीटें और 18.68 करोड़ मतदाता, जानें 5 राज्यों में होने वाले चुनाव से जुड़ी सभी बड़ी बातें
Election Dates 2021: सुनील अरोड़ा ने चुनावी तारीखों का एलान करते हुए कहा कि चार राज्यों और केंद्र शासित पुदुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र होंगे.
नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. इन चार राज्यों और केंद्र शासित पुदुचेरी में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच अलग-अलग चरणों में मतदान संपन्न होगा. मतों की गिनती दो मई को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी तारीखों की घोषणा की. इसके साथ ही सभी चुनावी राज्यों और पुदुचेरी में आचार संहिता लागू हो गई.
सुनील अरोड़ा ने चुनावी तारीखों का एलान करते हुए कहा कि चार राज्यों और केंद्र शासित पुदुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र होंगे. पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में, जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा. तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि सभी राज्यों के लिए स्पेशल पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि त्योहार के दिन मतदान नहीं होगा. इसके अलावा परीक्षा के दिन भी वोटिंग नहीं होगी. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि वो अपने कार्यकाल में आखिरी बार चुनावी तारीखों का एलान कर रहे हैं.
बढ़ाई गईं मतदान केंद्रो की संख्या असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, इस बार 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी. तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, इस बार 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी. केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब वहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी. पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे अब 1,01,916 चुनाव केंद्र होंगे.
बंगाल में कब कितनी सीटों पर चुनाव पश्चिम बंगाल में पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.
पिछले विधानसभा चुनाव में यहां सात चरणों में मतदान संपन्न हुआ था. पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को पूरा हो रहा है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 सालों से सत्ता में है. इस बार बीजेपी और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं. बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है.
पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबिक बीजेपी को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीटें और माकपा को 26 सीटें मिली थीं.
असम में कब कितनी सीटों पर मतदान इसी प्रकार असम में पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे और आखिरी चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा. असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है.
इस बार असम में बीजेपी को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है. वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी.
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60, उसके सहयोगियों असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को क्रमश 14 और 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सांसद बदरूदृदीन अजमल के नेतृत्व वाले एआईयूडीएफ को 13 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने तत्कालीन सांसद सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाया था.
तमिलनाडु का चुनावी समीकरण तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. केरल में विधानसभा की 140 सीटें है और यहां विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा हो रहा है. पुदुचेरी में 30 सीटों के लिए चुनाव होगा और यहां विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को पूरा हो रहा है.
तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नद्रमुक) का शासन है. राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी. इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका था. इस बार के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक (AIADMK) और बीजेपी का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला द्रमुक (DMK) और कांग्रेस गठबंधन से होगा.
केरल में क्या है स्थिति केरल में फिलहाल वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार है. उसका मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे से है. पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा को 58 सीटों पर, जबकि उसकी सहयोगी भाकपा को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को 22 सीटें और आईयूएमएल को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. बीजेपी को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था.
पुदुचेरी में अब किसको मिलेगी सत्ता वर्ष 2016 के चुनाव के बाद पुदुचेरी में वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और द्रमुक गठबंधन की सरकार बनी थी और वी नारायणसामी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. हाल ही में विधायकों के इस्तीफे के बाद यह सरकार अल्पमत में आ गई थी और इसके बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
सुनील अरोड़ा ने कहा कि टीकाकरण से चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बना है और चुनाव ड्यूटी पर तैनात सभी लोगों को टीकाकरण अभियान के लिए अग्रिम मोर्चे का कर्मी घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान आवश्यक केंद्रीय बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी.
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