नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए आज एलान कर दिया गया. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यवार तारीखों की घोषणा की. सभी राज्यों में दो मई को मतों की गिनती होगी.
तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में 6 अप्रैल को एक चरण में वोट डाले जाएंगे. वहीं पश्चिम बंगाल में आठ और असम में तीन चरणों में वोटिंग होगी. असम और बंगाल में 27 मार्च से मतदान की शुरुआत होगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चार विधानसभा चुनावों में 824 सीटों के लिए 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर करीब 18.68 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव आयोग ने कहा कि असम में 126 सीटों, तमिलनाडु में 234 सीटों, पश्चिम बंगाल में 294 सीटों, केरल में 140 सीटों और पुडुचेरी में 30 सीटों के लिए चुनाव होगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा. आयोग ने कहा कि टीकाकरण से चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बना है, चुनाव ड्यूटी पर तैनात सभी लोगों को टीकाकरण अभियान के लिए अग्रिम मोर्चे का कर्मी घोषित किया गया है .
पश्चिम बंगाल
तारीखें और सीट
27 मार्च, 30 सीटें
एक अप्रैल, 30 सीटें
छह अप्रैल, 31 सीटें
10 अप्रैल, 44 सीटें
17 अप्रैल, 45 सीटें
22 अप्रैल, 43 सीटें
26 अप्रैल, 36 सीटें
29 अप्रैल, 35 सीटें
2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को 211, कांग्रेस और लेफ्ट को 76, बीजेपी को तीन और अन्य को दो सीटें मिली थी. 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों के गढ़ में ममता बनर्जी ने पहली बार बड़ी सेंध लगाई थी. टीएमसी ने कुल 294 सीटों में से 194 सीटें हासिल की.
2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी और मजबूत हुई और पार्टी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की. बंगाल में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है.
असम
निर्वाचन आयोग ने बताया कि असम में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को होंगे.
बीजेपी असम में 2016 के विधानसभा चुनाव में कुल 126 सीटों में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 60 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस 122 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 26 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी. एजीपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 14 पर सफलता हासिल की थी.
वहीं बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ ने 74 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई और 13 सीटों पर सफलता मिली. बीओपीएफ ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 12 पर उसके उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे. विधानसभा चुनाव में सीपीआई 15 सीटों पर चुनाव लड़ी था लेकिन खाता नहीं खुला.