कोरोना के बढ़ते खौफ के बीच 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि महामारी के बीच चुनाव कराना अहम जिम्मेदारी है. ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत चुनाव कराने के लिए हर संभव तैयारियां की गई हैं.
- उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होंगे. उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 1 चरण में चुनाव होंगे. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 1 चरण में मतदान होगा. गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए भी 1 चरण में ही वोटिंग होगी. मणिपुर में 60 सीटों पर 2 चरण में चुनाव संपन्न होंगे.
- कोविड पॉजिटिव लोगों के लिए बैलट पेपर वोटिंग की सहूलियत होगी. संक्रमित मरीज बैलेट पेपर के जरिए अपना वोट डाल पाएंगे. आयोग ने कोविड मरीजों के अलावा 80 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों को भी पोस्टल बैलेट के ज़रिए मतदान की सुविधा दी है.
- चुनाव के काम में लगे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना जाएगा. चुनाव आयोग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को कोरोना वायरस की बूस्टर डोज लगाई जाएगी.
- मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैली या फिर जुलूस की इजाजत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और नए आदेश जारी किए जाएंगे.
- कोरोना और ओमिक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव, होम सेक्रेटरी, एक्सपर्ट्स, राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से बैठक की है. जमीनी स्थिति और बैठकों में मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने सभी सावधानियों के बीच चुनाव कराने का फैसला किया है.
- पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव पर सभी पार्टियों से राय ली गई है. 15 जनवरी तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैलियों और जुलूसों की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्थिति की समीक्षा की जाएगी और बाद में नए निर्देश जारी किए जाएंगे.
- मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है, 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है. पांचों राज्यों में सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं.
- जिन उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं, उनको इसकी जानकारी अखबार और टीवी से तीन बार जानकारी देनी होगी. पार्टियों को भी अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा उनके चयन के पीछे का कारण भी बताना होगा.
- चुनावों में अब उम्मीदवार ज्यादा खर्च कर सकेंगे. सीईसी ने बताया कि चुनाव में प्रचार पर 28 लाख की जगह अब 40 लाख रुपये उम्मीदवार खर्च कर सकेंगे.
- प्रत्याशी सुविधा एप के जरिए ऑनलाइन नामांकन कर सकते हैं. चुनावों में जनभागीदारी के रूप में सी विजिल ऐप की भूमिका बहुत मजबूत होगी, जिसमें लोग सीधे तौर पर अपनी शिकायतों और बातों को चुनाव आयोग तक पहुंचाने में सक्षम होंगे.