UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक नया चुनावी नारा दिया. उन्होंने कहा कि ‘यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी.’ पीएम मोदी के इस नारे पर UP पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने प्रदेश की मौजूदा सरकार को राज्य के लिए अनुपयोगी करार दिया.
अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा, "हाथरस की बेटी, लखीमपुर का किसान, गोरखपुर का व्यापारी, असुरक्षित महिला, बेरोज़गार युवा, पीड़ित दलित-पिछड़े सब कह रहे हैं… यूपी के लिए वर्तमान सरकार उपयोगी नहीं, अनुपयोगी है. यूपी वाले कह रहे हैं अगर कोई ‘उप-योगी’ है; तो ‘मुख्य-योगी’ कौन है. ‘यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा’."
इसके बाद अखिलेश ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "भाजपा सरकार की उप्र में अनुपयोगी होने की क्रॉनॉलॉजी. उप्र हुआ नम्बर वन जैसा: किसानों की आत्महत्या और हत्या में, खाद की बोरी की चोरी में, चंदा चोरी में, पेपर लीक कराके, बेरोज़गारी बढ़ाने में, कस्टोडियल डेथ में, माफ़िया संरक्षण में, समाज को बांटने में."
पीएम मोदी ने क्या क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को "माफियाओं" को खत्म करने और राज्य में बहुत सारे विकास कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने के लिए एक नया नारा "यूपी प्लस योगी बहुत है उपयोगी" दिया. पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखने के बाद एक रैली को संबोधित कर रहे थे. बीजेपी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा होंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि खराब कानून-व्यवस्था के कारण पहले उत्तर प्रदेश से लोगों का पलायन होता था, लेकिन पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान बुलडोजरों ने माफियाओं की अनधिकृत संपत्तियों को नष्ट कर दिया, जिससे उन्हें संरक्षण देने वालों को पीड़ा हुई. इस मौके पर पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में यहां सरकार बनने से पहले पश्चिम उप्र में कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति थी इससे सब भलिभांति परिचित हैं.
उन्होंने कहा, “पहले यहां कहते थे 'दिया बरे तो घर लौट आओ’ क्योंकि सूरज डूबता था तो कट्टा लहराने वाले सड़क पर आ धमकते थे. यह कट्टा अब चला गया. बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे. बेटियों का स्कूल जाना मुश्किल कर दिया गया था. व्यापारी-कारोबारी घर से सुबह निकलता था परिवार को चिंता होती थी, घर और जमीन पर अवैध कब्जे के चलते कब कहां दंगा हो जाये, कहां आगजनी हो जाये, कोई नहीं कह सकता था.”