Election 2024: क्या बनने से पहले ही बिखर जाएगी विपक्षी दलों की एकता? शिमला बैठक से पहले ही सामने आने लगे मतभेद
Opposition Meeting: पटना में बैठक के बाद विपक्षी दल आगे की रणनीति के लिए अब शिमला में मिलने वाले हैं, लेकिन इस बैठक से एक प्रमुख पार्टी गैरहाजिर रह सकती है.

Opposition Unity: बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार के बुलावे पर 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद 2024 को लेकर विपक्षी दलों की एकता का ढोल बड़े जोर-शोर से पीटा गया था. दावा किया गया था कि बैठक में मोदी के खिलाफ सभी दल कॉमन एजेंडे पर आने को तैयार है. इस दौरान विपक्षी गठबंधन का नाम भी हवा में उछाल दिया गया. आगे की रणनीति के लिए 12 जुलाई को अगली बैठक तय की गई, लेकिन अब जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक विपक्षी दलों के बीच आपस में सब ठीक नहीं है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 12 जुलाई को शिमला में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक से पहले ही राजनीतिक दलों में मतभेद सामने आने लगे हैं. सूत्रों के अनुसार,आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस की तरफ से अध्यादेश को लेकर अपनी स्थिति 12 जुलाई से पहले स्पष्ट नहीं की जाती तो ऐसे में 12 जुलाई की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता.
कांग्रेस ने अध्यादेश पर साध रखी है चुप्पी
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अगर शुरुआत में ही अहम मुद्दों पर अन्य विपक्षी दलों की बात नहीं मान रही तो ऐसे में भविष्य को लेकर क्या उम्मीद की जाए. गौरतलब है कि पटना में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक के दौरान कई दलों ने दिल्ली को लेकर लाए अध्यादेश का राज्यसभा में विरोध करने का भरोसा दिया लेकिन कांग्रेस की तरफ से अब तक रुख साफ नहीं किया गया है. इससे पहले कल मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भी विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पर हमला किया था.
शिमला में अगली बैठक
पटना की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हम एक कॉमन एजेंडा तय कर रहे हैं. अब विपक्षी दल शिमला में 12 जुलाई को मिलेंगे. इसमें तय होगा कि आगे किस तरह से बढ़ना है. एकजुट होकर हमें 2024 की लड़ाई लड़नी है. वहीं, राहुल गांधी ने कहा था, विपक्षी एकता एक प्रक्रिया है, जो यहीं से आगे बढ़ेगी. विचारधारा की लड़ाई है. थोड़े-थोड़े मतभेद जरूर होंगे, लेकिन हम साथ हैं.
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