Election 2024: चुनाव से पहले BJP सांसद के 1 तीर से 3 निशाने: झारखंड के मंत्रिमंडल का जिक्र छेड़ यूं कांग्रेस-JMM और RJD को लपेटा
Jharkhand News: निशिकांत दुबे ने सवाल उठाते हुए लिखा- झारखंड के नए मंत्रिमंडल में एक भी अनुसूचित जाति के सदस्य नहीं हैं. यह है कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल का असली चेहरा.
Jharkhand Politics Latest News: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शुक्रवार (16 फरवरी) को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया. इस दौरान कई नए चेहरों को भी मौका मिला, लेकिन इस विस्तार के बाद एक तरफ जहां पार्टी के अंदर ही कई नेता नाराज हो गए हैं, तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी इस पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधा है.
झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने नए मंत्रिमंडल के बाद एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “झारखंड के नए मंत्रिमंडल में एक भी अनुसूचित जाति के सदस्य नहीं हैं. यह है कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल का असली चेहरा.”
झारखंड के नए मंत्रिमंडल में एक भी अनुसूचित जाति के सदस्य नहीं हैं । यह है कॉंग्रेस,झामुमो व राजद की असली चेहरा
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 16, 2024
जेएमएम के जल्द टूटने का भी किया था दावा
इससे पहले निशिकांत दुबे ने बुधवार (14 फरवरी) को मीडिया में कहा था कि, “मैंने पहले ही कहा था कि सोरेन परिवार को जेल भेजा जाएगा, वो तो हो गया. कुछ लोग ही बचे हैं बस. मैंने एक्स पर पोस्ट किया था कि कुछ विधायक संपर्क में हैं. झामुमो और कांग्रेस अपना अस्तित्व खो देंगे. कुछ लोगों को लगता है कि मैंने गलत ट्वीट किया है. मैंने सभी से मेरा ट्वीट संभालकर रखने के लिए कहा है, क्योंकि साल 2024 में झारखंड में न तो झामुमो और न ही कांग्रेस दिखाई देगी. झामुमो तीन-चार टुकड़ों में टूट जाएगी.”
मंत्री न बनाए जाने से अपने भी हुए नाराज
मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक बैद्यनाथ राम ने शुक्रवार को कहा कि “वह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरी हुआ तो अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. सब कुछ तय हो गया था और मेरा नाम मंत्रियों की सूची में शामिल था, लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में मेरा नाम हटा दिया गया. यह अपमान है. मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा.’’ वहीं, मंत्रियों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद कांग्रेस में भी कलह सामने आ गई. कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने पार्टी के प्रदेश प्रमुख राजेश ठाकुर से मुलाकात की और अपना विरोध दर्ज कराया.
किसे मिला कौनसा मंत्रालय?
शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन को सड़क निर्माण, भवन निर्माण और जल संसाधन का कार्यभार दिया गया है. बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी कल्याण और परिवहन मंत्रालय दिया गया है. बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया गया है. रामेश्वर उरांव के विभाग में कोई बदलाव नहीं हुआ. उनके पास वित्त, योजना, वाणिज्यिक कर और खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है. इसी तरह, आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और ग्रामीण कार्य विभाग कायम है. सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग फिर से सौंपा गया है और उद्योग विभाग का कार्यभार भी दिया गया, जबकि बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रालय कायम रहेगा. बादल पत्रलेख कृषि एवं पशुपालन मंत्री बने रहेंगे. अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, खेल और युवा मामले विभाग की जिम्मेदारी हफीजुल हसन को सौंपी गई है.
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