पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो गया. इसके साथ ही, असम चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए भी चुनाव प्रचार रविवार को संपन्न हो गया. इसके अलावा पुडुचरी, केरल और तमिलनाडु में पहले और अंतिम चरण के लिए भी चुनाव का शोर समाप्त हो गया.  इससे पहले पश्चिम बंगाल और असम में इससे पहले 27 मार्च और 1 अप्रैल को पहले और दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो चुकी है. पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए आठ चरणों में वोटिंग होनी है. 6 अप्रैल को यहां के 3 जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी.


6 अप्रैल को पांच राज्यों में वोटिंग


असम में तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव में 337 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. जबकि, तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले चुनाव में मतदाता अपना फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज करेंगे और इससे यह तय होगा कि राज्य में अन्नाद्रमुक लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करेगी या यहां सत्ता में बदलाव होगा. चुनाव प्रचार के दौरान अन्नाद्रमुक, द्रमुक, एएमएमके और मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) ने खुद को मतदाताओं के समक्ष सर्वश्रेष्ठ विकल्प के तौर पेश करने का प्रयास किया.


 मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक तीसरी बार सत्ता में बरकरार रहने की इच्छुक है. वहीं द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की उम्मीदों को विफल करने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है. द्रमुक 2011 में बिजली कटौती सहित कई कारकों के कारण निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सत्ता से बेदखल हो गई थी. पांच साल बाद उसने अधिक उत्साही प्रदर्शन किया और प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत की.


तमिलनाडु में DMK और AIDMK के बीच कड़ी टक्कर


तमिलनाडु में यह विधानसभा चुनाव दिवंगत नेताओं जे. जयललिता और एम. करुणानिधि की अनुपस्थिति में होगा. BJP भगवान मुरुगा के आशीर्वाद से इस चुनाव में अच्छा मुकाबला देने की उम्मीद कर रही है. BJP ने पिछला चुनाव अपने दम पर लड़ा था लेकिन इस बार वह अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में लड़ रही है. भाजपा इस बार तमिल संस्कृति और गौरव सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है.


एमएनएम नेता एवं अभिनेता कमल हासन 2021 में चुनावी मुकाबले में उतर रहे हैं. वह कोयम्बटूर दक्षिण से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जो पश्चिमी क्षेत्र का हिस्सा है और जिसे अन्नाद्रमुक का गढ़ माना जाता है. कोयम्बटूर, इरोड, तिरुपुर, सलेम और नमक्कल जिलों के अलावा पश्चिमी क्षेत्र में कुल मिलाकर सत्तारूढ़ दल का अच्छा प्रभाव है.


स्टालिन ने इन जिलों में पकड़ बनाने की अपनी इच्छा प्रदर्शित की है और यह लक्ष्य हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. द्रमुक 2019 में पश्चिमी क्षेत्रों की सभी लोकसभा सीटों पर अपने गठबंधन की जीत पर भरोसा करते हुए इस विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से पार्टी द्वारा अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है.