हिमाचल प्रदेश में थमा चुनाव प्रचार, वीरभद्र सिंह बोले- भविष्य में नहीं लड़ूंगा इलेक्शन
वीरभद्र सिंह ने कहा कि पीएम नेरेंद्र मोदी ने चुनाव में जिस तरह की शब्दावली इस्तेमाल की, उन्होंने सारी हदें पार कर दी. ये हमारी शराफत है कि हमने ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दिया.
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मंगलवार को चुनाव प्रचार थम गया. 68 सीटों के लिए 9 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. आज दिनभर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी. सीएम वीरभद्र सिंह ने आज आखिरी दिन अपनी सीट अर्की और अपने बेटे विक्रमादित्या सिंह की सीट शिमला ग्रामीण में प्रचार किया. प्रचार के आखिरी दिन वीरभद्र सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अब वो भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे. ये उनका आखिरी चुनाव है.
इसके साथ ही वीरभद्र सिंह ने कहा कि पीएम नेरेंद्र मोदी ने चुनाव में जिस तरह की शब्दावली इस्तेमाल की, उन्होंने सारी हदें पार कर दी. ये हमारी शराफत है कि हमने ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दिया. वीरभद्र सिंह ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया.
वहीं प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी की तरफ से आज शिमला में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है. जीएसटी और नोटबंदी के विरोध पर राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रही है. मोदी सरकार आने के बाद देश मे विकास हुआ है, आंकड़े इस बात के गवाह हैं.राजनाथ सिंह ने कहा नोटबंदी और जीएसटी को 'शार्ट टर्म पेन, लांग टर्म गेन' करार दिया. उन्होंने कहा कि अगर देशहित में ज़रूरी हुआ तो भविष्य में भी कड़े फैसले लेंगे. गृहमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सरकार बनने के बाद पुलिस में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
कांग्रेस की तरफ से वीरभद्र सिंह और बीजेपी की तरफ से प्रेम कुमार धूमल सीएम कैंडिडेट हैं. अब जनता किसे चुनती है ये 18 दिसंबर को पता चलेगा.