नई दिल्ली : पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा हो चुकी है. और इस बार चुनाव आयोग ने कई खास घोषणाएं भी की हैं. इनमें से एक है सोशल मीडिया को लेकर. आयोग ने साफ किया है कि जिला स्तर तक वह सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नजर रखेगा. राजनीतिक दलों की हरकतों के साथ ही गड़बड़ी फैलाने वालों तत्वों पर भी नजर रखी जाएगी. सोशल मीडिया पर पेड-कैंपेन के खर्च को भी आयोग प्रत्याशी के खर्च में जोड़ेगा.
In Depth: यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में चुनाव की तारीखों का एलान, 11 मार्च को आएंगे नतीजे
लोगों की शिकायतें सुनेगा और सहूलियतों पर नजर रखेगा
इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिए आयोग लोगों को जागरूक करेगा, लोगों की शिकायतें सुनेगा और सहूलियतों पर नजर रखेगा. यही नहीं आयोग राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर भी यहां से नजर रखेगा. आयोग ने फैसला किया है कि वह इस बार लोगों से ज्यादा से ज्यादा संपर्क में रहना चाहता है. आयोग ने कहा है कि वह फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब और ऐसे ही सभी साइटों पर मौजूद रहेगा.
ABP न्यूज ओपिनियन पोल: नोटबंदी पर क्या कहती है यूपी की जनता ?
आयोग में बकायदे एक सोशल मीडिय सेल का गठन किया गया है
इसके लिए चुनाव आयोग में बकायदे एक सोशल मीडिय सेल का गठन किया गया है. इसके साथ ही बल्क मैसेज आदि पर भी आयोग की नजर होगी. अफवाहों को लेकर भी आयोग सतर्क रहेगा और सोशल मीडिया के जरिए इस पर काबू करने का प्रयास भी करेगा. इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया पर भी आय़ोग की नजर रहेगी.
मोदी ने शराबबंदी पर की नीतीश कुमार की तारीफ, यहां पढ़ें PM की फूल स्पीच
उल्टे-सीधे पोस्टों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं
इसके साथ ही जो भी व्यक्ति गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करेगा. उल्टे-सीधे पोस्ट करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा पहली बार है कि आयोग इस कदर सोशल मीडिया को लेकर गंभीर है. गौरतलब है कि राजनीतिक दलों के लिए भी यह एक बड़े हथियार की तरह है.