Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ी राहत दी है. चुनाव आयोग ने शिवसेना (यूबीटी) को सार्वजनिक योगदान (Public Contributions) स्वीकार करने की अनुमति दे दी है. 


इलेक्शन कमीशन (ECI) के निर्देशानुसार अब उद्धव ठाकरे की पार्टी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी के तहत सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी की ओर से चंदे के तौर पर कोई भी राशि ले सकते हैं. इस फैसले को शिवसेना (यूबीटी) के लिए महाराष्ट्र चुनाव से पहले बड़ी राहत माना जा रहा है.


पार्टी ने की थी ये मांग...


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग से सार्वजनिक योगदान स्वीकार करने की मांग की थी. खबर के मुताबिक इस संबंध में पार्टी के महासचिव सुभाष देसाई के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकत की थी और इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया था. 


कब हैं महाराष्ट्र में चुनाव?


महाराष्ट्र (Maharashtra) में इस साल अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) कराए जा सकते हैं. विधानसभा चुनाव से पहले ही सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है और वो वोटर्स को रिझाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इससे पहले महाराष्ट्र में सियासी खींचतान भी देखने को मिली थी. राज्य में सभी दल अपनी-अपनी जीत को लेकर भी दावे करने में जुटे हैं. 


चुनावी मोड में उद्धव


शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) की रणनीति तैयार करने के लिए संजय राउत (Sanjay Raut), अनिल देसाई, सुभाष देसाई, सुनील प्रभु और राजन विचारे समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग बैठक की. खबर है कि इस बैठक में चुनाव लड़ने की तैयारी पर चर्चा की गई. बैठक में उद्धव ने कहा, सभी सीटों को टारगेट करने के लिए थिंक टैंक (Think tank) के साथ ही एक वॉर रूम (War Room) बनाने की भी योजना पर काम कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें: 'BJP के कुछ विधायक शरद पवार गुट में...', पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख का बड़ा दावा