Election Commission: ईवीएम को लेकर कोई शिकायत नहीं, दोबारा मतदान नहीं, चुनाव की सत्यनिष्ठा पर इतना भरोसा
Assembly Elections: चुनाव आयोग के अनुसार गुजरात चुनाव में 1 दिसंबर को मतदान के दौरान शहरी मतदाता घर से कम वोट डालने निकले. इससे पहले चरण में मतदान का प्रतिशत कम हो गया.
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Polling officials: हिमाचल प्रदेश और गुजरात की सभी 250 विधानसभा सीटों पर मतगणना के दौरान ईवीएम को लेकर कोई शिकायत नहीं आई, न ही दोबारा मतदान हुआ और न ही कोई शिकायत हुई. हालांकि चुनाव आयोग इस बार शहरी मतदाताओं की उदासीनता को लेकर ज्यादा चिंतित है.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "59,723 मतदान केंद्रों में से किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान नहीं हुआ. कुप्रबंधन या भीड़ नियंत्रण या किसी भी प्रकार की अराजकता की कोई घटना नहीं देखी गई. ईवीएम की खराबी के बारे में किसी भी स्तर पर कोई शिकायत नहीं मिली. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है. चुनाव रिजल्ट में 1000 से अधिक जीत के अंतर को भी स्वीकार किया गया और कोई शिकायक नहीं थी.
हिमाचल प्रदेश में पांच सीटों पर जीत का अंतर कम
हिमाचल प्रदेश में पांच सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर 500 से कम था. उदाहरण के लिए भोरंज निर्वाचन क्षेत्र में अंतर सिर्फ 60 था और श्री नैनादेवीजी सीट के लिए 171 था. इसी तरह गुजरात में दो सीटें रापर और सोमनाथ हैं जहां पर 577 और 922 का अंतर था.
चुनाव की सत्यनिष्ठा पर इतना भरोसा
चुनाव अधिकारी ने कहा, "चुनाव की सत्यनिष्ठा पर इतना भरोसा है कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार ने नतीजों पर सवाल नहीं उठाया और न ही दोबारा मतगणना के लिए कहा। ईवीएम में हेरफेर की सामान्य बयानबाजी भी नहीं दोहराई गई" अधिकारी ने कहा दोनों राज्यों में शहरी क्षेत्रों में कई मतदाता घर से बाहर आने और मतदान करने की जहमत नहीं उठाते. वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनाव और लोकतंत्र के बारे में टिप्पणी कर सकते हैं.
सूरत और राजकोट में मतदान प्रतिशत किया दर्ज
गुजरात में सूरत, राजकोट और जामनगर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य के औसत 64% फीसदी मतदान से कम दर्ज किया गया. जबकि कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई औसत मतदाता मतदान प्रतिशत इन महत्वपूर्ण जिलों में शहरी उदासीनता से कम हो गया. हिमाचल प्रदेश में शिमला के शहरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 62.53 फीसदी (13 प्रतिशत अंकों से कम) दर्ज किया गया जबकि राज्य का औसत 75.6 फीसदी था.
ग्रामीण और शहरी मतदान प्रतिशत में स्पष्ट अंतर
ग्रामीण और शहरी निर्वाचन क्षेत्रों के बीच मतदान प्रतिशत में स्पष्ट अंतर था. यह अंतर 34.85 फीसदी जितना बड़ा था. इसकी तुलना नर्मदा जिले के देदियापाड़ा के ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से की जाए तो यहा मतदान 82.71 फीसदी दर्ज किया गया और कच्छ जिले के गांधीधाम के शहरी निर्वाचन क्षेत्र में 47.86 फीसदी मतदान हुआ
कम मतदान केंद्रों की पहचान करने था निर्देश
देशभर में शहरी उदासीनता की प्रवृत्ति को दूर करने के लिए आयोग ने लक्षित जागरूकता हस्तक्षेप सुनिश्चित करने के लिए सभी सीईओ को कम मतदाता वाले निर्वाचन क्षेत्रों और और मतदान केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया था.
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