(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Political Parties Delisted: एक्शन में चुनाव आयोग, 111 दलों को रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त पॉलिटिकल पार्टियों की सूची से किया बाहर
इस सूची में उन राजनीतिक दलों का नाम भी शामिल हैं जिन्होंने 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा है. बावजूद इसके उन्होंने करोड़ों की टैक्स छूट हासिल की है.
Political Parties Delisted: चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए देश के 111 रिजस्टर्ड गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognised Political Party) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. आयोग ने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची में शामिल 111 को इससे बाहर कर दिया है. आपको बता दें कि इस सूची में उन राजनीतिक दलों का नाम भी शामिल हैं जिन्होंने 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा है. बावजूद इसके उन्होंने करोड़ों की टैक्स छूट हासिल की है.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा इन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 29ए और 29 सी के तहत गैर-अनुपालन के कारण ग्रेडिंग की कार्रवाई की गई है. जिसके बाद इन 111 राजनीतिक दलों को इस लिस्ट से बाहर किया गया है. चुनाव आयोग ने अभी एक महीना पहले ही इस प्रकार के 2100 से अधिक राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी.
इन राजनीतिक दलों पर वित्तीय अनियमितता सहित समय पर वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट पेश न करने समेत चुनाव खर्च का ब्यौरा न देने जैसे गंभीर आरोप लगने के बाद चुनाव आयोग द्वारा ये कार्रवाई की गई है. यही नहीं चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किए हैं. चुनाव आयोग ऐसे दलों पर कार्रवाई करते हुए उनसे वह दर्जा छीन सकता है जिसमें अभी तक ये पार्टियां टैक्स में छूट का लाभ लेती आई हैं. चुनाव आयोग इस प्रकार के राजनीतिक दलों पर अंकुश लगाने के लिए उनके चुनाव चिह्न को जब्त करने जैसे सख्त कदम भी उठा सकता है.
2019 लोकसभा चुनाव में 1731 दलों ने नहीं लड़ा चुनाव
चुनाव आयोगा के अनुसार, 2019 के आम चुनावों के समय देश में कुल 2354 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल थे. लेकिन इनमें से मात्र 623 दलों ने ही 2019 का आम चुनाव लड़ा था. इनमें से 1731 के करीब ऐसे दल थे जिन्होंने किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा था. वहीं, जिन दलों ने चुनाव लड़ा भी तो उन्होंने चुनावी खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को नहीं दिया. आपको बता दें कि चुनाव खत्म होने के 90 दिन के भीतर सभी दलों को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को देना आवश्यक होता है. ऐसा नहीं करने पर चुनाव आयोग उस राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है.
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