Maharashtra Political Crisis: एनसीपी (NCP) का सियासी संग्राम निर्वाचन आयोग के दरवाजे तक पहुंच गया है. चुनाव आयोग को अजित पवार (Ajit Pawar) की ओर से एनसीपी और चुनाव चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है. आयोग को शरद पवार (Sharad Pawar) गुट के जयंत पाटिल से भी एक याचिका मिली है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने ये जानकारी दी. 


अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से ज्यादा हलफनामे दाखिल किए हैं. निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि गुटीय लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जायेगा. जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं.


एनसीपी में पड़ी फूट


निर्वाचन आयोग आगामी दिनों में याचिकाओं पर कार्रवाई कर सकता है और दोनों पक्षों से उसके समक्ष प्रस्तुत संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है. शरद पवार ने 1999 में एनसीपी का गठन किया था. पार्टी में रविवार को विभाजन हो गया और अजित पवार 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल हो गए. 


अजित पवार शिंदे सरकार में हुए शामिल


अजित पवार ने शिंदे सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. अजित पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल के साथ असली एनसीपी होने का दावा किया है. 


शरद पवार का भी असली एनसीपी होने का दावा


शरद पवार ने भी असली एनसीपी होने का दावा किया और प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी पत्र लिखकर मंत्री पद की शपथ लेने वाले नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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