नई दिल्ली: कैराना की दो और भंडारा-गोंदिया की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों की शिकायत सामने आई थी जिसके बाद चुनाव आयोग की शुरुआती जांच में पाया गया कि ईवीएम के खराब होने की वजह उन्हें अत्याधिक रोशनी में रखना था. फिलहाल चुनाव आयोग ने ईवीएम बनाने वाली कंपनी और तकनीकी विशेषज्ञों से कहा है कि इस कमी को दूर करने पर काम करें.


ये चुनाव 28 मई 2018 को हुए थे. इस दौरान वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों से मॉक पोल और असली वोटिंग के दौरान गड़बड़ियों की बातें सामने आईं. इसकी जांच के लिए दो टीमें बनाई गईं जिनकी शुरुआती जांच में दो तकनीकी बातें सामना आईं. जांच टीमों ने कॉन्ट्रास्ट और लेंथ सेंसर के फेल होने की बात कही. इसकी पीछे की वजह बताते हुए जांच टीमों ने कहा कि पोलिंग स्टेशन पर ज़रूरत से ज़्यादा रोशनी होने की वजह से ऐसा हुआ.


इलेक्शन कमीशन ने मशीनें बनाने वाली कंपनियों से इसे ठीक करने को कहा है और साथ ही ऐसे उपाए सुझाने को भी कहा है जिससे पोलिंग सेंटर में रोशनी कम की जा सके. इलेक्शन कमीशन ने इलेक्शन पीटीशन का समय समाप्त हो जाने के बात वीवीपैट बनाने वाली कंपनियों को इसकी गहन जांच करने को भी कहा है.


आपको बता दें कि इलेक्शन पीटीशन के तहत किसी चुनावी नतीजे को चैलेंज किया जा सकता है. इसकी वजह से मशीनों को 45 दिनों के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है जिसके बाद ही इसे किसी और तरह के इस्तेमाल में लाया जा सकता है.


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