Presidential Election:चुनाव आयोग (Election Commission) आने वाले कुछ दिनों में ही राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर सकता है. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने जा रहा है. संविधान के अनुच्छेद  62 के मुताबिक नए राष्ट्रपति के चुनाव से पहले मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होना चाहिए.


राष्ट्रपति चुनाव और वोट


राष्ट्रपति के चुनाव के लिए  संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के साथ ही सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी  विधानसभा के सदस्य वोट कर सकते हैं. हालांकि राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का हक नहीं हैं. इसी तरह राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को भी राष्ट्रपति चुनाव में शामिल होने का हक नहीं है. 


बीता राष्ट्रपति चुनाव


इससे पहले 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोट डाले गए थे और वोटो की गिनती 20 जुलाई को की गई थी और रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने गए थे. 25 जुलाई 2017 को उन्होंने अपना पदभार ग्रहण किया था. वह देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए हैं. 


राष्ट्रपति चुनाव और निर्वाचन मंडल 
राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करने वाले निर्वाचन मंडल भी अहम माना जाता है.  निर्वाचन मंडल में राजनीतिक गठबंधनों कांग्रेस की लीडरशिप वाले UPA गठबंधन के पास लगभग 23 फीसदी वोट है. उधर सत्तारूढ बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के पास करीब 49 फीसदी वोट हैं. 


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