Assembly Election 2022: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कल कोई बड़ा ऐलान हो सकता है. भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) और स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की कल मीटिंग होगी, जिसमें किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही है. बढ़ते ओमिक्रोन (Omicron) के मामलों के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) की ये मीटिंग काफी अहम मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक रैलियों को रोकने के बारे में भी इस मीटिंग में चर्चा हो सकती है.
देश में एक तरफ ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) को लेकर चुनाव प्रचार भी तेज होता जा रहा है. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान खुलेआम कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का उल्लंघन हो रहा है. पार्टी चाहे कोई भी क्यों ना हो, हर कोई अपनी राजनीतिक रैली में हजारों से लाखों लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखकर सभाएं आयोजित कर रहा है, रोड शो हो रहे हैं. इस सबके चलते हैं कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयोग एक अहम बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी शामिल होंगे, जो चुनाव आयोग को ओमिक्रोन के खतरे और उसके बारे में अब तक की जानकारी से अवगत करवाएंगे.
11 बजे होगी मीटिंग
चुनाव आयोग (Election Commission) सोमवार सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ यह बैठक करेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव से ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे और इससे जुड़ी हुई तमाम जानकारियां जानना चाहता है. केंद्रीय चुनाव आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय से यह भी जानना चाहता है कि यह ओमिक्रोन वेरिएंट कितना ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इससे बचने के क्या कुछ उपाय हो सकते हैं. सवाल यह भी हो सकता है कि देश की एक वयस्क आबादी के बड़े हिस्से को कोरोना की पहली और दूसरी डोज़ लग चुकी है तो ऐसे में ओमिक्रोन का खतरा कितना ज्यादा हो सकता है. केंद्रीय चुनाव आयोग यह भी जानने की कोशिश करेगा कि क्या अगर ऐसे माहौल में चुनाव संपन्न करवाए जाते हैं तो कोरोना के इस नए वेरिएंट को फैलने से कैसे रोका जा सकता है.
क्यों अहम है ये मीटिंग
केंद्रीय चुनाव आयोग की बैठक इस वजह से भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि इस बैठक से कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री (Prime Minister) से अपील की थी कि वह कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के खतरे को देखते हुए रैलियो और रोड शो पर रोक लगाएं. अगर मुमकिन है तो चुनावों को भी टाला जाए. वैसे तो इलाहाबाद हाईकोर्ट इसको लेकर कोई आदेश भले ही न दिया हो, लेकिन हाईकोर्ट ने जिस तरह से केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री से अपील की है तो निश्चित तौर पर उसके बाद से केंद्रीय चुनाव आयोग के ऊपर भी एक अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ गई है. अब चुनाव आयोग को यह तय करना है कि अगर ओमिक्रोन के खतरे के बीच चुनाव संपन्न करवाने हैं तो वह कैसे करवाए जाएं. बंगाल चुनावों के दौरान भी केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन का निर्देश देते हुए कई आदेश जारी किए थे.