नई दिल्ली: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंघल लवासा कथित कर चोरी के आरोपों को लेकर आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गई हैं. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने लवासा की पत्नी को एक नोटिस जारी कर करीब 10 कंपनियों के निदेशक मंडल में रहने के सिलसिले में अपनी आयकर रिटर्न में दिये कुछ खास ब्योरे के बारे में बताने को कहा है.


नोटिस की खबर पर नोवेल सिंघल ने कहा कि मैंने सभी टैक्स अदा किया है और आयकर टैक्स कानून के मुताबिक सभी तरह की कमाई का ब्यौरा दिया है.


उन्होंने कहा, ''मैंने 28 साल स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया में काम किया है और बैंकिंग के क्षेत्र में अनुभव की वजह से मैं अभी भी प्रोफेशनल कार्यों में सम्मिलित रहती हूं जिनमें कुछ कम्पनियों में स्वतंत्र निदेशक का काम भी शामिल है.''


उन्होंने कहा, ''मैंने 5 अगस्त,2019 के बाद की सभी आयकर विभाग की नोटिस का जवाब दिया है और आयकर विभाग की प्रक्रिया में सहयोग कर रही हूं.''


अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद विभाग ने उनसे अपनी निजी वित्तीय मामलों के बारे में और अधिक ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है.


उन्होंने बताया कि विभाग नोवेल सिंघल लवासा की आईटीआर को खंगाल रहा है ताकि यह पता चल सके कि क्या उनकी आय अतीत में आकलन से बच निकली थी या उन्होंने कर अधिकारियों से कुछ छिपाया गया है.


उन्होंने बताया कि पूर्व बैंकर के खिलाफ कथित कर चोरी की जांच और उनके कई कंपनियों के निदेशक मंडल में रहने की जांच 2015-17 की अवधि से जुड़ी हुई है.


बता दें केंद्रीय वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद अशोक लवासा को 23 जनवरी 2018 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.


अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के क्रियान्वयन पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के साथ उनके (अशोक लवासा के) मतभेद की खबरें मीडिया में आई थीं.


'असहमति के मत' को EC के फैसले में शामिल करने की चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग खारिज