बैलेट पेपर से चुनाव की मांग पर EC का No, रावत बोले- पार्टियां हार छुपाने के लिए EVM पर उठाती हैं सवाल
मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम को आसानी से बलि का बकरा बना दिया जाता है, क्योंकि वह बोल नहीं सकती और राजनीतिक दलों को अपनी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए किसी न किसी चीज की जरूरत होती है.
कोलकाता: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम पर लगातार उठ रहे सवाल और बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग पर चुनाव आयोग ने बड़ा बयान दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओम प्रकाश रावत ने कहा कि ईवीएम को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, क्योंकि मशीनें बोल नहीं सकतीं' और राजनीतिक दलों को अपनी हार के लिए किसी न किसी को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि आयोग ने पिछली जुलाई को सर्वदलीय बैठक में घोषित किया था कि आगे से सभी चुनाव वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ ईवीएम का प्रयोग करके किए जाएंगे. उन्होंने कहा, "मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग भी किया जाएगा." रावत ने कहा, "राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम को आसानी से बलि का बकरा बना दिया जाता है, क्योंकि वह बोल नहीं सकती और राजनीतिक दलों को अपनी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए किसी न किसी चीज की जरूरत होती है."
हाल ही में कैराना और पालघर उपचुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने ईवीएम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत की थी और चुनाव आयोग की विश्वसनियता पर सवाल उठाए थे. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ईवीएम हैकिंग की शिकायत की थी. ईवीएम के खिलाफ सबसे पहले यूपी विधानसभा चुनाव के बाद बीएसपी ने आवाज उठाई थी. जिसके बाद से एसपी, आम आदमी पार्टी, आरजेडी, टीएमसी, वामदल और एनसीपी मुखर होकर ईवीएम का विरोध कर रही है. पार्टियां दोबारा से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही है.
फड़णवीस ने भंडारा-गोंदिया उपचुनाव में हार का ठीकरा खराब ईवीएम और सूखे पर फोड़ा