Election Fact Check: राहुल गांधी ले रहे प्रधानमंत्री पद की शपथ, जानिए क्या है इस वायरल वीडियो का सच
Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस ऑडियो और वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए सुना जा सकता है. हालांकि यह एआई-जेनरेटेड ऑडियो क्लिप है.
Rahul Gandhi Viral Video Fact Check: सोशल मीडिया पर सिर्फ इमेज, वीडियो और पोस्ट ही वायरल नहीं होते. यहां रोज कई तरह के ऑडियो भी वायरल होते हैं. ऐसा ही एक ऑडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एआई-जेनरेटेड इस ऑडियो क्लिप में उन्हें भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए सुना जा सकता है.
इसके अलावा कुछ लोग इसी ऑडियो को वीडियो फॉर्मेट में भी शेयर कर रहे हैं. वीडियो में राहुल गांधी को लाल किले के पास दिखाते हुए इसे बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल इस क्लिप को एक यूजर ने एक कैप्शन के साथ शेयर किया है, कैप्शन में लिखा है, "वह दिन जल्द ही है... 4 जून को... प्रधानमंत्री राहुल गांधी होंगे..."
ऐसे पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इस तरह शुरू हुई पड़ताल
इसके बाद बूम टीम ने इसकी पड़ताल शुरू की. इससी कड़ी में टीम ने इस वीडियो को डाउनलोड किया. इसके बाद इसे दो अलग-अलग एआई डिटेक्शन टूल के माध्यम से चलाने के लिए ऑडियो फ़ाइल को अलग किया. इस दौरान हमें पता चला कि यह एक एआई वॉयस क्लोन है.
टीम ने सबसे पहले ऑडियो क्लिप को इतिसार के माध्यम से चलाया, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर की ओर से बनाया गया है. यह एक डीपफेक एनालिसिस टूल्स है. यहां यह साफ हुआ कि ऑडियो AI जेनरेटेड है.
हमने एक अन्य डीपफेक डिटेक्शन टूल contrails.ai के माध्यम से ऑडियो क्लिप को टेस्ट किया. यहां पता चला कि ऑडियो क्लिप एआई वॉयस क्लोनिंग का उपयोग करके तैयार की गई है. यहां पता चला कि ऑडियो बनाने में इस्तेमाल की गई तकनीक "बहुत सस्ते एआई ऑडियो क्लोन को तेज़ बीजी संगीत के साथ मिक्स करने वाली थी.
क्या निकला निष्कर्ष?
तमाम फैक्ट को देखने और क्रॉसचेक करने के बाद यह साफ हो चुका था कि जिस वीडियो और ऑडियो को राहुल गांधी का बताकर वायरल किया जा रहा है वह ऑरिजनल नहीं है. इसमें पहले राहुल गांधी की आवाज को एआई से क्लोन करके तैयार किया गया है. इसके बाद वीडियो को भी एआई की मदद से तैयार किया गया है. अब इसे गलत सूचना के साथ वायरल किया जा रहा है.
इस तरह के कई ऑडियो और वीडियो हो चुके वायरल
बता दें कि चुनाव की वजह से भारत में इंटरनेट पर राजनीतिक डीपफेक में वृद्धि देखी गई है. बूम ने पहले भी मशहूर हस्तियों के कई वीडियो के तथ्यों की जांच की, जिसमें एआई का उपयोग करके गलत राजनीतिक संदेश देने की बात है.
पिछले हफ्ते, हमने कांग्रेस नेता कमलनाथ के फैक्ट चेक और एआई वॉयस क्लोन की भी जांच की, जहां उन्हें मुसलमानों को मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन देने और अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा करते हुए सुना जा सकता है.
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Disclaimer: This story was originally published by Boomlive and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.