Election Fact Check: क्या सच में EC ने दिया राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम हैक करने का चैलेंज, जानिए इस वायरल दावे की हकीकत
Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने हाल ही में सभी राजनीतिक दलों को ये चैलेंज दिया है कि वे ईवीएम में गड़बड़ी या उसे हैक करके दिखाएं.
ECI EVM Challenge Fact Check: भारत में मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराए जाते हैं. इसे लेकर देश में कई राजनीतिक दल लगातार विरोध करते रहे हैं. वे इसमें गड़बड़ी की बात कहते हैं. कई राजनीतिक दल तो ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग करते हैं.
ऐसा भी देखा गया है कि चुनाव नतीजों के बाद जब रिज्लट किसी भी सियासी पार्टियों के अनुकूल नहीं होता है तो वे ईवीएम पर सवाल उठाते हैं. पिछले कुछ साल से ईवीएम में गड़बड़ी और उसे हैक कर चुनावी परिणाम प्रभावित करने के कई आरोप लग चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करके दिखाने का चैलेंज दिया गया है. वीडियो पर आजतक का लोगो बना है. इसमें यह भी दिखाई दे रहा है कि इसके लिए सभी दलों को चार घंटे का समय दिया गया है. इस वीडियो को मौजूदा समय का बताकर इसे जमकर शेयर किया जा रहा है.
इस तरह किया जा रहा दावा
भारतीय चुनाव आयोग की तरफ भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों को ओपन चैलेंज दिया गया है. EVM को हैक करके दिखाएं, नही तो हारने के डर से EVM के नाम से रोना छोड़ दें.. है क्या हिम्मत. या सिर्फ बाहर से भोंकेंगे या आके काटेंगे भी.
पड़ताल में क्या चला पता?
टीम ने इसकी हकीकत जानने के लिए पड़ताल शुरू की. शुरुआत में वीडियो को ध्यान से देखने पर पाया कि वायरल वीडियो में भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जो व्यक्ति प्रेस को संबोधित कर रहा है उसके नेम प्लेट पर डॉ. नसीम ज़ैदी लिखा है. डॉ. नसीम ज़ैदी 19 अप्रैल 2015 से 5 जुलाई 2017 तक भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर थे. भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर इनके बारे में यह जानकारी देख सकते हैं.
इससे यह साफ हो गया कि वायरल वीडियो पुराना है. फिर हमने संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए 20 मई 2017 में आजतक की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिपोर्ट देखी. इसके अनुसार तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने उस साल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम पर सवाल उठाए जाने पर यह फैसला किया था. उनकी ओर से राजनीतिक दलों को EVM हैक करने की चुनौती दी गई थी. जिसके लिए EC ने 3 जून की तारीख तय की थी और हर राजनीतिक दल को हैकिंग के लिए चार घंटे का वक्त दिए जाने का एलान किया था.
हमें आजतक के यूट्यूब चैनल पर इस खबर से संबंधित एक वीडियो रिपोर्ट मिली जो वायरल वीडियो वाली ही थी. इसके साथ ये बताया गया था कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लेकर राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी थी.
निम्न में वीडियो देखें.
साल 2017 में यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए थे. जिसके नतीजे आने के बाद विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम पर सवाल उठाने से भारत निर्वाचन आयोग ने ईवीएम हैक को लेकर चैलेंज दिया था. इस खबर को यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
अपनी खोज में हमने 20 मई 2017 की तारीख़ में भारत निर्वाचन आयोग और PIB की वेबसाइट पर चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम हैक को लेकर किए गए चैलेंज पर प्रेस रिलीज को देखा. जिसमें मामले को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है.
हम यहां स्पष्ट कर दें कि भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर ईवीएम को लेकर इस प्रकार की कोई जानकारी या प्रेस रिलीज हाल में जारी नहीं की गई है. साथ ही इस वक़्त वर्तमान में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं. जो इस वक़्त देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं और 15 मई 2022 से अपनी सेवा दे रहे हैं.
क्या निकला निष्कर्ष?
तथ्यों की जांच के बाद हमने यह पाया कि ईवीएम को लेकर वायरल वीडियो फर्जी है, जो असल में 6 साल पहले का है.
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Disclaimer: This story was originally published by factcrescendo and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.