Arvind Kejriwal Interim Bail Fact Check: लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी चर्चा के बीच जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर खबरें आ रही हैं. उनसे जुड़ी कई खबरें सोशल मीडिया पर अब भी वायरल होती हैं. ऐसी ही एक खबर सोशल मीडिया पर कल (7 मई 2024) से वायरल हो रही है.
इस वायरल खबर में कई सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 7 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है, जिन पर कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है.
पीटीआई फैक्ट चेक टीम ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को दिल्ली के सीएम की जमानत याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं किया था.
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जो 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. AAP संयोजक ने लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है.
क्या किया जा रहा है दावा?
एक फेसबुक यूजर ने 7 मई को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 7 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है.
यहां पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक है, और नीचे उसका एक स्क्रीनशॉट है:
क्या निकला पड़ताल में?
पीटीआई की टीम ने वीडियो की पड़ताल शुरू की. टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की खोज की और पाया कि कई यूजर्स ने 7 मई को एक ही दावे को शेयर किया. यह दावा उस दिन का है जब सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
ऐसी तीन पोस्टें यहां, यहां और यहां देखी जा सकती हैं और उनके आर्काइव्ड वर्जन यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
जांच के अगले स्टेप्स में टीम ने इस मामले पर किसी भी समाचार रिपोर्ट को देखने के लिए एक कस्टमाइज्ड Google सर्च किया. इस पर हमें द प्रिंट की ओर से 7 मई को प्रकाशित एक पीटीआई रिपोर्ट मिली, जिसकी हेडिंग थी... "केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत पाने में विफल रहे"
रिपोर्ट के एक सेक्शन में लिखा है, "जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ, जिसने दिन के दौरान अंतरिम जमानत देने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि इसे दोपहर 2 बजे सुनाया जाएगा, अपना फैसला सुनाए बिना उठ गई."
रिपोर्ट का लिंक यहां दिया गया है:
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बारे में रिपोर्ट करते हुए, हिंदुस्तान टाइम्स के एक लेख में शीर्ष अदालत के हवाले से कहा गया है: “हम जमानत ग्रांट कर सकते हैं या हम ग्रांट नहीं दे सकते हैं, लेकिन हमें आपके लिए खुला रहना चाहिए. क्योंकि फैसले से किसी भी पक्ष को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
रिपोर्ट का लिंक यहां दिया गया है:
7 मई को बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से प्रकाशित पीटीआई की एक अन्य रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा गया है कि "वह नहीं चाहता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करना पड़े." क्योंकि इससे हितों का टकराव होगा."
रिपोर्ट के एक हिस्से में लिखा है, "केजरीवाल शीर्ष अदालत से कोई राहत पाने में विफल रहे, दो न्यायाधीशों की पीठ उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने का आदेश सुनाए बिना चली गई."
हमने आगे समाचार वेबसाइटों और चैनलों को स्कैन किया, और 7 मई को प्रकाशित द हिंदू की एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था: "सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश टाल दिया."
यहां रिपोर्ट का लिंक है और नीचे उसका स्क्रीनशॉट है:
क्या निकला निष्कर्ष?
तमाम फैक्ट को देखने के बाद टीम ने निष्कर्ष निकाला कि केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सोशल मीडिया पर किए गए दावे झूठे थे
दावा
सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी.
क्या है तथ्य
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत नहीं दी है और केजरीवाल की याचिका पर अभी फैसला नहीं सुनाया है.
क्या है निष्कर्ष
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है. अपनी जांच में पीटीआई टीम ने पाया कि सोशल मीडिया पर किए गए दावे झूठे थे क्योंकि शीर्ष अदालत ने अभी तक दिल्ली के सीएम की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुनाया था.
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Disclaimer: This story was originally published by ptinews and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.