Postal Ballot Option: चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट विकल्प (Postal Ballot Option) को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है. चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं को दी जाने वाली पोस्टल बैलेट सुविधा का संभावित दुरुपयोग रोकने के लिए ये प्रस्ताव रखा गया है. चुनाव आयोग (ECI) ने सरकार से नियमों में बदलाव करने के लिए आग्रह किया है, ताकि ऐसे लोग पहले से निर्धारित सुविधा केंद्रों पर ही अपना मत डालें और मतपत्रों को अधिक समय तक अपने पास न रखें.


सूत्रों के मुताबिक अगर चुनाव आयोग (Election Commission) का ये प्रस्ताव लागू किया जाता है तो चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों द्वारा अपने साथ लंबे वक्त तक रखे उन मतपत्रों के संभावित दुरुपयोग को कम किया जा सकता है.


पोस्टल बैलेट विकल्प को खत्म करने का प्रस्ताव


चुनाव आयोग ने सरकार से आग्रह करते हुए पोस्टल बैलेट नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. इसमें चुनाव आयोग का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात मतदान कर्मी डाक मतपत्रों के बजाय अपने लिए बनाए गए मतदाता सुविधा केंद्रों पर जाकर वोटिंग करें. बताया जा रहा है कि इसका मकसद पोस्टल बैलेट के दुरुपयोग की गुंजाइश को कम करना है. वोटिंग के दिन डाक मतपत्र भेजने के दूसरे विकल्प को खत्म करने के लिए चुनाव आचरण  1961 के नियम 18 में संशोधन की जरूरत होगी. 


क्यों रखा गया चुनाव आयोग की ओर से प्रस्ताव?


अक्सर ये देखा गया है कि मतदान कर्मियों के पास मतदाता सुविधा केंद्र (Voter Facilitation Centres) में जाने का ऑप्शन होता है, लेकिन उनमें से ज्यातार डाक के माध्यम से यानी पोस्टल बैलेट के जरिए अपना वोट देने के विकल्प को प्राथमिकता देते हैं. ऐसा देखा गया है कि चुनावी ड्यूटी को पूरा करने के बाद लंबे वक्त तक पोस्टल बैलेट (Postal Ballot) को अपने घर में रखते हैं, जो प्रत्याशियों या सियासी दलों के गैरजरूरी प्रभाव, धमकी, रिश्वत और दूसरे अनैतिक साधनों की दृष्टि से संवेदनशील है.


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