पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के क्या हैं मायने? पंजाब में AAP की जीत से भविष्य में कांग्रेस के लिए बढ़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बहुत ही कम सीटों पर सिमट गई. अब यहां पार्टी को फिर से मजबूती प्रदान करना असंभव नहीं तो और कठिन जरूर हो गया. पंजाब में AAP का उदय कांग्रेस के लिए एक और चिंताजनक संकेत है.
Election Result 2022: यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. सभी पांचों राज्यों में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सुनामी ने पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया. बाकी चार राज्यों में कांग्रेस तो पहले से ही सत्ता से बाहर थी लेकिन पंजाब में उसे अपनी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर ऐसी उम्मीद नहीं थी. पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम कांग्रेस के लिए एक झटके के रूप में आए. कांग्रेस 2024 के आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी संभावनाओं को पुनर्जीवित करने और आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से उभरती चुनौती को बदलने के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की आस लगा रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
कांग्रेस के लिए और बढ़ गई चुनौती
कांग्रेस उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी थी और चुनावी रूप से अहम उत्तर प्रदेश में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में चुनावी प्रयास में हवा के रुख को मोड़ने की उम्मीद की जा रही थी. कांग्रेस नेताओं ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था, जिससे अंततः केंद्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था. पार्टी उत्तर प्रदेश में एक ऐतिहासिक निचले स्तर पर सिमट गई. अब यहां पार्टी को फिर से मजबूती प्रदान करना असंभव नहीं तो और कठिन जरूर हो गया. पंजाब में आम आदमी पार्टी का उदय कांग्रेस के लिए एक और चिंताजनक संकेत है. अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के हारने से पार्टी को सहेजना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.
2024 आम चुनाव में कांग्रेस की राह मुश्किल?
पंजाब में अपनी सफलता के साथ आम आदमी पार्टी के नेता अपनी पार्टी को राष्ट्रीय तौर पर उभरने और कांग्रेस का रिप्लेसमेंट बताने में जुटे हैं. पार्टी के नेताओं का यह भी मानना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भविष्य में बीजेपी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी होंगे. AAP नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बारे में बात की है कि अगर लोग मौका दें तो 2024 में प्रधानमंत्री की बड़ी भूमिका में होंगे. तृणमूल कांग्रेस के नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस भूमिका में देखना चाहते हैं और उन्होंने बीजेपी के खिलाफ व्यापक विपक्षी एकता की जरूरत की बात कही है. उन्होंने शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से मुलाकात की है और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ भी बातचीत की. 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ विपक्ष में मंथन की जरूरत भी महसूस होती है.
क्या कांग्रेस का विकल्प है AAP और टीएमसी?
आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही बीजेपी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखे जाने के लिए तत्पर हैं. यूपी विधानसभा चुनावों में बीएसपी की हार भी पार्टी की घटती ताकत और राज्य में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधनों के बीच तेजी से द्विध्रुवीय होने की ओर इशारा करती है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चुनाव परिणामों का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस जल्द ही अपनी कार्यसमिति की बैठक करेगी. 2019 में अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने और वायनाड से जीतने वाले राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस चुनाव परिणामों से सीखेगी और देश के लोगों के हितों के लिए काम करती रहेगी.
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