उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. इन पांच राज्यों में से 4 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. बीजेपी की इस सफलता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के जादू की चर्चा फिर होने लगी है. लोग इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के नतीजों से जोड़कर देख रहे हैं और 2024 में भी बीजेपी के आने की बात कह रहे हैं, लेकिन राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इससे सहमत नहीं हैं. वह इसे लेकर कुछ और ही सोचते हैं. आइए जानते हैं, क्या है उनकी राय.
क्या कहा प्रशांत किशोर ने
प्रशांत किशोर ने इन नतीजों को देखकर कहा है कि, भारत के लिए असली लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और भविष्य का निर्धारण भी तभी होगा. 2024 की लड़ाई किसी राज्य के नतीजों से तय नहीं होंगे. साहेब भी यह जानते हैं! इसलिए विपक्ष पर एक निर्णायक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए वह राज्य के परिणामों से माहौल बना रहे हैं. यह काफी चालाकी वाला प्रयास है, लेकिन इस तरह की झूठी बातों में न तो फंसें और न इसका हिस्सा बनें.
समय-समय पर बुलंद करते रहे हैं आवाज
बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बीजेपी का धुर विरोधी माना जाता है. वह समय-समय पर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के विरोध में आवाज बुलंद करते रहे हैं. वह जेडीयू में रहते हुए बिहार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्होंने टीएमसी भी जॉइन की थी, लेकिन कुछ समय बाद ही वह वहां से निकल गए.
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