तेलंगाना में 2 फीसदी वोटरों ने बदली कांग्रेस की किस्मत, बीआरएस को दिया झटका, समझे चुनावी आंकड़ों का गणित
Election Results 2023: तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस ने KCR की बीआरएस को पटखनी देकर सत्ता हासिल की है. दोनों पार्टियों के बीच सीटों का अंतराल भले ही बड़ा हो, लेकिन वोट शेयर का अंतर मात्र 2 फीसदी है.
Telangana Election Result 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली बीआरएस मात्र 2 फीसदी मतों के अंतराल के चलते सत्ता से बाहर हो गई. कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए इस मामूली वोट शेयर ने उसकी किस्मत पलट दी. इसके चलते केसीआर जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस को 119 सदस्यीय विधानसभा की 64 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जिसको कुल 39.40 फीसदी वोट शेयर प्राप्त हुआ है. हैरान करने वाली बात यह है कि सत्ता पर काबिज रही बीआरएस को 39 सीट मिली है, जिसको 37.35 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ है.
बीआरएस को 2018 के मुकाबले इस बार मिले 10 फीसदी कम वोट
आंकड़े बताते हैं कि इस बार के चुनाव में बीआरएस के वोट शेयर में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई है, जोकि 2018 के विधानसभा चुनावों में 47 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी. कांग्रेस ने यहां पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए बीआरएस के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया है. यानी पिछले चुनाव के मुकाबले बीआरएस को करीब 11 फीसदी कम वोट मिला है.
उप-चुनावों, ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में बीजेपी जीत बनी बीआरएस की चुनौती
बात अगर साल 2018 के विधानसभा चुनाव की करें तो बीआरएस ने 88 सीट जीतीं थीं और कांग्रेस को 28.4 फीसदी वोट के साथ केवल 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. बीआरएस के लिए बीजेपी उस वक्त से प्राथमिक चुनौती बनना शुरू हो गई, जब उसने कुछ उप-चुनावों और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों में जीत दर्ज की. इसके चलते बीजेपी तेलंगाना चुनाव में बीआरएस के वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब हो गई. बीजेपी ने यहां अपने वोट शेयर को दोगुना कर लिया है और सीटों की संख्या 8 कर ली हैं. साल 2018 के चुनावों में भगवा पार्टी को 7 फीसदी वोट शेयर के साथ मात्र एक सीट हासिल हुई थी.
'पीएम मोदी के वादों ने 8 सीटों पर दिलाई जीत'
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने कहा कि पार्टी का मानना है कि पिछड़ा वर्ग के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करने के वादे और एससी वर्गीकरण पर एक समिति बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के कारण उसे वोट और सीटें मिलीं. उन्होंने राय व्यक्त की कि अगर इन दोनों मुद्दों पर बीजेपी ने आक्रामक अभियान नहीं चलाया होता तो कांग्रेस को और अधिक फायदा हो सकता था.
कांग्रेस को टीडीपी के नहीं लड़ने से मिला फायदा
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार तेलकापल्ली रवि ने कहा कि बीजेपी ने बीआरएस के वोट शेयर को अपने पक्ष में मोड़ने में कामयाबी हासिल की है. कुछ पर्यवेक्षकों का मानना है कि टीडीपी के चुनाव से बाहर रहने की वजह से उसके समर्थकों का वोट कांग्रेस को मिला और वोट शेयर में बढ़त हासिल की. पिछले विधानसभा चुनाव में टीडीपी को 3.5 फीसदी वोट के साथ 2 सीटें हासिल हुईं थीं.
ओवैसी की एआईएमआईएम का जलवा बरकरार
कांग्रेस और बीआरएस के वोट शेयर से अलग अगर असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम पार्टी की बात करें तो वो अपना जलवा बरकरार रखने में सफल रही है. हैदराबाद-केंद्रित पार्टी साल 2018 के चुनाव में 2.7 फीसद वोट मिला था, जबकि इस बार 2.22 प्रतिशत वोट बटोरने के साथ 7 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही.
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